हाई कोर्ट ने महिला जज को मेसेज भेजने वाले जेल में बंद वकील के मानसिक जांच के दिए आदेश

रोहित आर्या की एकल पीठ ने अधिवक्ता विजय सिंह यादव की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए हैं, जस्टिस रोहित आर्या ने वकील की मानसिक जांच की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है

Updated: Mar 30, 2021, 07:51 AM IST

Photo Courtesy: Bar and Bench
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भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने महिला जज को मेसेज भेजने वाले जेल में बंद वकील के मानसिक जांच के आदेश दिए हैं। जेल में बंद रतलाम के वकील की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए रोहित आर्या की एकल पीठ ने यह आदेश दिए। जस्टिस रोहित आर्या ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह आरोपी के मानसिक जांच के आदेश देने के लिए उचित प्रतीत होता है। हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी व्यक्ति की मानसिक जांच किसी योग्य मनोचिकित्सक से कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने जेल में बंद वकील की मानसिक जांच की रिपोर्ट भी कोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।  

अधिवक्ता विजय सिंह यादव की याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है। 

दरअसल रलताम के अधिवक्ता विजय सिंह यादव ने महिला जुडिशल मैजिस्ट्रेट को 28 जनवरी की रात को जन्मदिन की शुभकामनाओं का मेसेज भेजा था। इसके बाद महिला जज ने आरोपी वकील पर अभद्र संदेश भेजने का आरोप लगाया। महिला जज के आरोपों के आधार पर अधिवक्ता को इसी महीने की शुरुआत में गिरफ्तार कर लिया। अधिवक्ता अभी जेल में बंद है और कोर्ट में अधिवक्ता की ज़मानत और इस मामले की सुनवाई चल रही है। 

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महिला जज ने आरोपी वकील पर आरोप लगाया है कि वकील कोर्ट रूम में अमूमन घूरा करता था। महिला जज ने कहा कि आरोपी वकील ने उनके साथ अतरंग बातचीत करने की ज़बरदस्ती करता था। महिला जज के मुताबिक वकील ने देर रात उन्हें मेल पर संदेश भेजा और इसके साथ ही कोर्ट रूम में उनके लिए फूलों का गुलदस्ता भेजा था। जिस वजह से उन्हें काफी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। 

हालांकि महिला जज के आरोपों के खिलाफ अधिवक्ता विजय सिंह यादव ने अपनी ज़मानत याचिका में अलग से एक मुकदमा दायर करने की मांग की है। आरोपी अधिवक्ता ने महिला के आरोपों को झूठा करार देते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वहीं हाई कोर्ट द्वारा मानसिक जांच के आदेश दिए जाने के बाद जब अधिवक्ता के भाई ने अंग्रेज़ी के एक अख़बार को बताया कि मेरे भाई के पास डिग्रियां और वे मानसिक तौर पर एकदम स्वस्थ है। लेकिन हम उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। हमें इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि अस्पताल में उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा।