सत्ता की नाक के नीचे हो रहा है नशे का कारोबार, भोपाल में धड्डले से बिक रहा है गांजा

राजधानी में गांजे के 25 बड़े सप्लायर हैं, इन्हीं के ज़रिए अन्य राज्यों से गांजा भोपाल पहुंचता है, गांजे की एक पुड़िया ग्राहक को 50 रुपए में मिलती है

Publish: Sep 15, 2021, 07:54 AM IST

Photo Courtesy: Lokmat News
Photo Courtesy: Lokmat News

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में सत्ता की नाक के नीचे नशे का कारोबार हो रहा है। राजधानी भोपाल में सीएम हाउस से थोड़ी ही दूरी पर और मंत्रालय के ठीक सामने गांजा का कारोबार धड्डले से हो रहा है। हिंदी के एक प्रमुख अख़बार ने नशे के इस बेखौफ कारोबार से पर्दा उठाया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक शहर में कई ठिकानों पर गांजा बिक रहा है। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नशे का यह कारोबार सीएम हाउस के महज़ 500 मीटर की दूरी पर फल फूल रहा है। वहीं मंत्रालय के ठीक सामने यह गोरख धंधा लम्बे अरसे से जारी है। राजधानी में जारी गांजे के अवैध कारोबार ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

कहां कहां बिक रहा है गांजा 

रिपोर्ट के मुताबिक शहर के प्रमुख इलाकों में गांजे का ठिकाना है। भोपाल में गांजे की बिक्री के चार बड़े ठिकानों में से तीन वीआईपी जोन हैं। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वल्लभ नगर, दीक्षा नगर और स्मार्ट रोड पर यह कारोबार फल फूल रहा है। 

कहां से आता है गांजा 

भोपाल में गांजे की सप्लाई ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होती है।शहर में गांजे का कारोबार करने वाले 25 बड़े सप्लायर हैं। यही सप्लायर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के नक्सली क्षेत्र से गांजा मंगवाते हैं। अनुमान के मुताबिक भोपाल में एक महीने में कम से कम एक क्विंटल गांजे की खपत होती है। 

सब्जी वाली आंटी और दुकान वाला लंगड़ा के पास आते हैं ग्राहक 

भोपाल में वल्लभ नगर की सब्जी वाली आंटी और दुकान वाले लंगड़े के पास शहर के ज्यादातर ग्राहक पहुंचते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सब्जी वाली आंटी पिछले पंद्रह वर्षों से गांजा बेच रही है। जबकि दुकान वाला लंगड़ा पिछले सात आठ वर्षों से इस कारोबार में लगा हुआ है। वहीं एमपी नगर में चेतक ब्रिज के ठीक पास में ही स्थित इलाहाबाद बैंक भी गांजे के कारोबार का एक प्रमुख ठिकाना है। वहां भी औरतें और बच्चियां गांजे के कारोबार में लगी हुई हैं।

युवा पीढ़ी नशे की चपेट में 

गांजे के कारोबार ने शहर के अधिकतर युवाओं को नशे की चपेट में ले रखा है। शहर में गांजे के अधिकतर खरीददार भी युवा वर्ग से ही आते हैं। अन्य शहरों से भोपाल में पढ़ाई करने आने वाले छात्र बड़ी संख्या में गांजे के सेवन का शिकार हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि रात में पेट्रोलिंग करने वाले पुलिसकर्मियों को भी इस गांजे के इस कारोबार की भनक है। लेकिन इसके बावजूद वे किसी तरह की कोई कार्रवाई करते दिखाई नहीं देते।