MP में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई का शुभारंभ, गृहमंत्री अमित शाह ने किया तीन किताबों का विमोचन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री का विमोचन किया। मध्य प्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य हो गया जहां हिंदी में डॉक्टरी की पढ़ाई होगी।

Updated: Oct 16, 2022, 07:57 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश ने अब हिंदी में डॉक्टरी की पढ़ाई होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी भोपाल में रविवार को हिंदी में मेडिकल कोर्स के किताबों का विमोचन किया। इस दौरान एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री का विमोचन किया गया। 

केंद्रीय गृहमंत्री शाह का भोपाल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। वे यहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लाल परेड ग्राउंड पहुंचे। उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी थे। लाल परेड ग्राउंड पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री विश्वास सारंग ने स्मृति चिन्ह देकर उनको सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर 3 किताबों का विमोचन किया।

MP ने मोदीजी की इच्छा पूरी की: अमित शाह

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, 'ये क्षण देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का क्षण है। सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिन्दी में शुरू करके मध्य प्रदेश ने मोदीजी की इच्छा पूरी की है। देशभर में 8 भाषाओं में पढ़ाई शुरू होगी। मेडिकल, इंजीनियरिंग में जो मातृभाषा के समर्थक हैं, उनके लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। अब हमें अपनी भाषा में शिक्षा मिलेगी। मप्र का चुनाव जब हो रहा था, घोषणा पत्र के भीतर यह जिक्र था। मोदी जी का नई शिक्षा नीति का सबसे पहले मप्र ने जमीं पर उतारा है।'

गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि, 'सोचने की प्रक्रिया अपने मातृभाषा में ही होती है, इसलिए नेलसन मंडेला ने कहा था- यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हो तो वह उसके दिमाग में जाता है। अनुसंधान अपनी भाषा में हो तो भारत के युवा भी किसी से कम नहीं हैं। वो विश्व में भारत का डंका बजाकर आएंगे। मध्य प्रदेश ने मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराने संकल्प लिया है। इससे देश में क्रांति आएगी। कुछ दिनों बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू होगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का काम शुरू हो गया है। छह माह बाद, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में करने का मौका मिलेगा।'

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, 'आज मध्यप्रदेश के लाखों-लाख वो बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम में नहीं पढ़े, उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हो रहा है। प्रतिभाशाली होने के बाद भी केवल अंग्रेजी का ज्ञान न होने से वह बच्चे कुंठित होते थे। प्रतिभा को प्रकट नहीं कर पाते थे। हीन भावना से ग्रसित होते थे। कई तो ऐसे बच्चे थे जिनका मेडिकल कॉलेज में एडमिशन तो हो गया, लेकिन अंग्रेजी के मकड़जाल के कारण पढ़ाई छोड़ देते थे।'

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'अंग्रेजी की बाध्यता क्यों? हिंदी भाषी राज्यों का इतना बड़ा क्षेत्र है, डॉक्टर वहां रह सकते हैं। हमने जो किताबें तैयार की हैं उसे हम दूसरे राज्यों में भी शेयर करेंगे। हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से पूरी तरह से मुक्त करेंगे। जिन्हें पढ़ना है पढ़ें, लेकिन बाध्यता किसी तरह की नहीं रहेगी। इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक की शिक्षा भी हिंदी में होगी। इस साल 6 इंजीनियरिंग कॉलेज और 6 पॉलिटेक्निक कॉलेज में हिंदी में पढ़ाई प्रारंभ होगी।'

IIT और IIM में भी हिंदी में पढ़ाई हो: सीएम चौहान

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'हमारा सपना तो यह है कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश में आईआईटी और आईआईएम में हिंदी में पढ़ाई हो। भारत अपनी भाषा से जाना जाएगा। हजारों साल पुराना ज्ञात इतिहास है हमारा। हमारी संस्कृति, जीवन मूल्य, परंपराएं, संस्कार अपनी भाषा में ही प्रगट होंगे। उन लोगों ने महापाप किया था जिन्होंने आजादी के बाद भी अंग्रेजी की अनिवार्यता को जारी रखा।'