जबलपुर के 600 से ज़्यादा स्कूलों में बिजली नहीं, अंधेरे में पढ़ाई करने पर बच्चे मजबूर

बिजली न होने की वजह से स्कूलों में पानी की दिक़्क़त भी हो रही है, गर्मी में स्कूल आना कम कर देते हैं बच्चे

Updated: Feb 14, 2021, 05:13 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Awaz
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जबलपुर। मध्यप्रदेश में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की एक और बानगी सामने आ रही है। प्रदेश के जबलपुर जिले में 600 से ज़्यादा प्राइमरी और मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां बिजली का कनेक्शन नहीं है। स्कूल में बिजली कनेक्शन न होने की वजह से बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूल में पानी और बिजली की किल्लत होने के कारण गर्मी के मौसम में बच्चों का स्कूल जाना कम हो जाता है। 

स्कूल में बिजली न होने के कारण बच्चे अंधेरे में पढ़ाई करते हैं। जिस वजह से उनकी आंखों पर काफी असर पड़ता है। बच्चों की आंखों की रोशनी कमज़ोर पड़ रही है। बिजली नहीं होने की वजह से स्कूल में मोटर के जरिए टंकी में पानी भी नहीं भर पा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप बच्चों को हैंड पंप के जरिए ही पानी पीना पड़ रहा है। इन्हीं सारी परेशानियों के कारण गर्मी के मौसम में बच्चे स्कूल जाना कम कर देते हैं। 

प्राइमरी मिडिल स्कूलों की बदहाली को देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकार से बजट मांगा है। उधर सर्व शिक्षा अभियान के ज़िला प्रमुख आरपी चतुर्वेदी ने कहा है कि स्कूलों में बिजली कनेक्शन के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। चतुर्वेदी के मुताबिक जिन स्कूलों में बिजली का कनेक्शन आसानी से लग सकता है, उन स्कूलों को प्राथमिकता से बिजली मुहैया कराई जाएगी। जबकि दूर दराज इलाकों में स्थित स्कूलों में बिजली पहुंचाने के लिए खंभे और लाइन खींचने की ज़रूरत होगी, इस लिहाज से उन स्कूलों में बिजली के कनेक्शन की प्रक्रिया को पूरा करना में देरी लग सकती है।