शरद यादव के निधन पर सियासी जगत में शोक, अंत्येष्टि में शामिल होने आंखमऊ जाएंगे दिग्विजय सिंह
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई, 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में हुआ था। वह पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए थे।

बाबई। कद्दावर समाजवादी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का अंतिम संस्कार 14 जनवरी को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के बाबई तहसील अंतर्गत स्थित उनके पैतृक गांव आंखमऊ में होगा। शरद यादव के अंत्येष्टि में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी बाबई जाएंगे। जानकारी के मुताबिक सिंह ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
वरिष्ठ समाजवादी नेता के निधन पर दिग्विजय सिंह ने वीडियो संदेश जारी कर दुख जताया है। सिंह ने कहा, 'शरद यादव मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे प्रखर समाजवादी नेता रहे हैं और उन्होंने हमेशा अपना जीवन संघर्ष में बिताया। बिना पद की लालसा के उन्होंने जनता की लड़ाई लड़ी, किसानों की, मजदूरों की लड़ाई लड़ी। राम मनोहर लोहिया के शिष्य के रूप में उन्होंने पहला चुनाव जबलपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ा था जिसमें वो सफल भी हुए थे। उसके बाद जेल भी गए। छात्र राजनीति में उन्होंने हमेशा से छात्रों के हितों के लिए काम किया। हमारे उनके अच्छे पारिवारिक संबंध रहे। मुझे इस बात का बेहद दुख है कि वो आज हमारे बीच में नहीं रहे। यह एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके परिजनों को संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'
शरद यादव मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के सबसे प्रखर समाजवादी नेता रहे हैं और उन्होंने हमेशा अपना जीवन संघर्ष में बिताया। बिना पद की लालसा के उन्होंने जनता की लड़ाई लड़ी, किसानों की, मजदूरों की लड़ाई लड़ी: दिग्विजय सिंह@digvijaya_28 pic.twitter.com/5KwTE2ko7l
— humsamvet (@humsamvet) January 13, 2023
जानकारी के मुताबिक शनिवार को शरद यादव का पार्थिव शरीर हवाईजहाज से भोपाल लाया जाएगा। इसके बाद सड़क मार्ग से आंखमऊ तक लाया जाएगा। यहां हजारों लोगों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। फिलहाल उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली स्थित उनके आवास 5 A वेस्टेंड, छतरपुर फार्म, नई दिल्ली में रखा गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज उन्हें श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे थे।
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शरद यादव का जन्म भले ही मध्य प्रदेश में हुआ लेकिन राजनेता के तौर पर वे बिहार की सियासत से सबसे ज्यादा जुड़े रहे। बिहार सरकार ने उनके निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। बता दें कि 75 साल के शरद यादव को किडनी की समस्या थी और वह काफी समय से डायलिसिस पर थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट से मिली जानकारी के मुताबिक शरद यादव को अचेत अवस्था में ही लाया गया था। उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया गया. लेकिन जांच में उनकी न नाड़ी चलती मिली न ही ब्लड सर्कुलेशन हो रहा था। फिर 10.19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।