MP: SC, ST और OBC कैटेगरी के 7 लाख स्टूडेंट्स को नहीं मिली पिछले साल की छात्रवृत्ति

मध्य प्रदेश में हर साल 80 लाख बच्चों को दी जाती है 700 करोड़ रुपए छात्रवृति, पिछले साल 7 लाख छात्रों को मिलने वाली 60 करोड़ रुपए की राशि अब भी अटकी, सत्र 2022-23 की छात्रवृत्ति की राशि के लिए अब तक विभाग ने पात्र विद्यार्थियों की सूची तक तैयार नहीं की है

Updated: Jun 24, 2022, 04:26 AM IST

भोपाल। प्रदेश के विद्यालयों में नया सत्र शुरू हो गया है। स्कूल खुल भी गए हैं। लेकिन छात्रों की छात्रवृति रुकी हुई है। राज्य सरकार की ओर से पहली से बारहवीं तक में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली छत्रवृति के लिए अबतक सूची भी तैयार नहीं हो सकी है। इतना ही नहीं लाखों छात्र ऐसे हैं, जिन्हें अबतक पिछले साल की छात्रवृति नहीं मिल पाई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश के करीब सात लाख विद्यार्थियों को पिछले सत्र 2021-22 की छात्रवृत्ति नहीं मिली है। ये राशि तकरीबन 60 करोड़ रुपये है। शिक्षा पोर्टल पर बैंक खाता अपडेट नहीं होने के कारण राशि नहीं मिली है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। डीपीआइ ने एक सप्ताह के अंदर पोर्टल पर बच्चों का खाता अपडेट करने को कहा है।

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शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल पर विद्यार्थियों का गलत बैंक खाता अपलोड किया गया है। गलत बैंक खाता अपलोड होने के कारण ही सात लाख विद्यार्थियों का ट्रांजेक्शन फेल हो गया था। इस वजह से उन्हें अबतक छात्रवृत्ति नहीं मिली है। खाता अपडेट होते ही उन्हें छात्रवृति के पैसे दे दिए जाएंगे।

बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से छात्रवृति के लिए 20 विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जाती है। इन योजनाओं पर 700 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इसमें विद्यार्थियों को 50 रुपये से लेकर 550 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। हर साल प्रदेश के करीब 80 लाख विद्यार्थी छात्रवृति योजनाओं का लाभ लेते हैं।
हालांकि, सत्र 2022-23 की छात्रवृत्ति की राशि के लिए अब तक विभाग ने पात्र विद्यार्थियों की सूची तक तैयार नहीं की है। ऐसे में इस साल भी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलने में देरी तय है।