बाढ़ से चौपट हुई 25 हजार हेक्टेयर की फसल, 15 गांव अब भी हैं पानी से घिरे हुए

सिंध नदी 9 मीटर के खतरे के निशान के ऊपर है, जबकि चंबल नदी 5 मीटर के खतरे के निशान ऊपर बह रही है

Publish: Aug 07, 2021, 04:05 AM IST

भोपाल। ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़ की वजह से 25 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की फसल चौपट हो गई है। बाढ़ ने 25 हजार से ज्यादा मकानों ढहा दिया है। लेकिन अब भी खतरे का मंजर ओझल नहीं हुआ है। बाढ़ से प्रभावित अब भी 15 गांव ऐसे हैं जो कि पानी से घिरे हुए हैं। हालांकि 276 गांवों से पानी उतर गया है। 

वहीं नदियों में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सिंध और चंबल नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मैदाघाट में सिंध नदी 9 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जबकि उदयमाड़ भिंड में चंबल नदी 5 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की एक वजह बनी तेज़ बारिश से अब लोगों को राहत मिलने का अनुमान नहीं है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक श्योपुर, गुना, विदिशा, अशोक नगर और राजगढ़ में भारी बारिश का अनुमान है। गुरुवार शाम तक अशोकनगर में बाढ़ में लगभग 50 लोगों के फंसे होने की सूचना थी।

बाढ़ की चपेट में आए 27 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत बचाव कार्य टीम ने पहुंचाया है। जबकि 6,918 लोग रेस्क्यू किए जा चुके हैं। अब बारी बाढ़ से हुए नुकसान, उसके आकलन और लोगों तक सहायता पहुंचाने की है। राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का मूल्यांकन के लिए केंद्र से टीम भेजने का अनुरोध किया है।

लेकिन शिवराज सरकार के राहत आपदा कोष में बाढ़ प्रभावितों तक सहायता पहुंचाने के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं है। हिंदी के एक प्रमुख अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को भेजे गए एक पत्र का हवाला देते हुए बताया है कि राज्य आपदा कोष से इस साल अप्रैल से अगस्त महीने तक 576 करोड़ खर्च कर चुके हैं। अब इस कोष में 1364 करोड़ रुपए ही बचे हुए हैं। जो कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बेहद कम हैं।