High Court: ग्वालियर में बीजेपी की जुटाई भीड़ पर कार्रवाई के निर्देश

Jyotiraditya Scindia: सदस्यता अभियान के दौरान जुटी भीड़ ने कोरोना रोकने के सरकारी नियम तोड़े, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भिण्ड के कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई के लिए 15 दिन का वक्त

Updated: Aug 25, 2020, 11:36 PM IST

Photo courtesy: The logical indian
Photo courtesy: The logical indian

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर में हुए बीजेपी के सदस्यता अभियान पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता हेमंत राणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए भिंड कलेक्टर और एसपी को कोरोना के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले संबन्धित लोगों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश दिए हैं। 

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भिण्ड के कलेक्टर और एसपी को कार्रवाई करने का 15 दिन का समय दिया है। कोर्ट ने नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर कोर्ट के रजिस्ट्री कार्यालय में जमा करने के आदेश दिए हैं। 

सुनवाई के दौरान क्या हुआ ? 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब शादी, अंत्येष्टि में निश्चित संख्या से ज़्यादा व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति नहीं है। तो ग्वालियर में इतने बड़े स्तर पर वो भी बिना किसी शारीरिक दूरी को सुनिश्चित किए कार्यक्रम के आयोजन को आखिर अनुमति कैसे मिल गई? सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक और दिन का समय मांगा था। लेकिन कोर्ट ने महा महाधिवक्ता की मांग को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखी।

बीजेपी के सदस्यता अभियान पर कार्रवाई के हाई कोर्ट का आदेश बीजेपी के सदस्यता अभियान पर कार्रवाई के हाई कोर्ट का आदेश

याचिकाकर्ता हेमंत राणा के वकील राजीव शर्मा ने कहा कि ग्वालियर में प्रतिदिन कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। लेकिन यहां पर तीन दिन तक पूरी भीड़ भाड़ में सदस्यता कार्यक्रम चलाया गया। राजीव शर्मा ने कहा कि अगर यहां के निवासियों के बीच कोरोना का भयंकर विस्फोट होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

हेमंत राणा द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि ऐसे समय में जब चुनाव आयोग ने चुनावों को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं तो किसी भी राजनीतिक दल को सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति कैसे मिल गई? याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग द्वारा दिशा निर्देश की घोषणा तक किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है।