MP वाइल्ड लाइफ बोर्ड अब RSS लाइफ बोर्ड बन गया है, नवगठित बोर्ड पर दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना

वाइल्ड लाइफ बोर्ड में 18 शासकीय सदस्यों के अलावा तीन विधायक और तीन संस्थाओं के साथ ही 10 अशासकीय सदस्य भी इसमें शामिल किए गए हैं।

Updated: Mar 08, 2024, 09:31 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य वन्य प्राणी बोर्ड का पुनर्गठन किया है। बोर्ड में आरएसएस से जुड़े लोगों और संस्थाओं को भी शामिल किया गया है। इसे विपक्षी दल कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे आरएसएस लाइफ बोर्ड करार दिया है।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश का नया वाइल्ड लाइफ बोर्ड अब मध्य प्रदेश ⁦आरएसएस लाइफ बोर्ड बन गया है। सिंह के मुताबिक नए बोर्ड में अधिकतर ऐसे लोग हैं जिनका वन व वन प्राणियों के क्षेत्र से कोई रिश्ता नहीं है। 

राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बोर्ड में 18 शासकीय सदस्यों के अलावा तीन विधायक और तीन अशासकीय संस्थाओं के साथ ही 10 अशासकीय सदस्य भी शामिल किए गए हैं। इन संस्थाओं में दीनदयाल शोध संस्थान (चित्रकूट), भाउराऊ भिस्कुटे न्यास (नर्मदापुरम) और भारत भर्ती (बैतूल) शामिल है। वन एवं वन्य प्राणी के संरक्षण की दिशा में इन संस्थाओं ने पहले कभी कोई कार्य नहीं किया है।

इतना ही नहीं पर्यावरणविद् और वन संरक्षण विषय के विशेषज्ञों की सूची में भी अधिकांश ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनका पर्यावरण अथवा वन संरक्षण से कोई सरोकार नहीं है। पूर्व राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा दो अनुसूचित जनजाति के विशेषज्ञ सदस्य भी बोर्ड में शामिल किए गए हैं।