PM, CM देने वाले विदिशा में दो बूंद पानी के लिए होती थी जद्दोजहद, जिस कुएं ने बुझाई प्यास उसी में डूबे

देश को पीएम, एमपी को सीएम देने वाले क्षेत्र विदिशा के लाल पठार गांव में नहीं है नलकूप और हैंडपंप की व्यवस्था, कुएं पर ही निर्भर हैं गांव के सारे लोग, ग्रामीणों का दावा- 1 किलोमीटर दूर पानी लाने जाना पड़ता है

Updated: Jul 16, 2021, 09:35 AM IST

गंजबासौदा। विदिशा जिले के गंजबासौदा में गुरुवार शाम हुए हादसे में अबतक 4 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है वहीं करीब 10 लोग लापता हैं। इस हृदयविदारक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीण इस हादसे का ठीकरा जनप्रतिनिधियों पर फोड़ रहे हैं। लोगों का आरोप है कि लाल पत्थर गांव में यदि पेयजल की व्यवस्था होती तो इतने लोग मौत के मुंह में नहीं समाते।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गांव में कहीं भी नलकूप का व्यवस्था नहीं है। पीने व अन्य काम के लिए लोगों को एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। स्थिति यह है कि 21वीं सदी में भी यहां पेयजल का मुख्य स्रोत कुआं ही है। गांव में एकमात्र यह कुआं है जिसपर लोगों की निर्भरता है। बताया जा रहा है कि जो बच्चा सबसे पहले कुएं में गिरा वह भी पानी लेने ही गया था। 

विदिशा जिले की बात करें तो देश-प्रदेश की राजनीति के कई दिग्गजों की यह कर्मभूमि रहा है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज, यहां तक कि खुद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी यह निर्वाचन क्षेत्र रहा है। इसी जिले से चुनकर इन दिग्गजों ने देश-प्रदेश में राजनीति की। लेकिन विडंबना यह है कि इसी जिले के एक गांव की जनता आधारभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं।

क्या है मामला?

गुरुवार शाम कुएं में एक बच्चा गिर गया था जिसे निकालने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। आसपास ज्यादा भीड़ के चलते कुएं के मेड़ की मिट्ठी धसक गई और वहां बचाव के लिए खड़े करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग खुद कुएं में गिर गए। अबतक कुएं से करीब 20 लोगों को जीवित निकाल लिया गया है। वहीं चार लोगों के शव बरामद हुए हैं। साथ ही 10 लोग अब भी लापता हैं, जिन्हें ढूंढा जा रहा है।

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हद तो तब हो गई जब राहत बचाव दल के 3 लोग खुद भी घायल हो गए। ये तब हुआ जब रेस्कयू ऑपरेशन में लगा एक ट्रैक्टर भी कुएं में गिर गया। जानकारी के मुताबिक यह कुआं करीब 40 फीट गहरा है। उसमें 25 से 30 फीट पानी है। रेस्क्यू के लिए कुआं खाली कराया जा रहा है। सीएम ने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए वहीं घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। जिन्होंने इस हादसे में अपनों को खोया उनके जख्म को मुआवजे से नहीं भरा जा सकता, लेकिन गांव में पेयजल की व्यवस्था नहीं होना तमाम जनप्रतिनिधियों के खोखले दावों का हकीकत बयां करने के लिए काफी है।