श्रीलंका हिंसा की आग में झुलसा, भीड़ ने महिंदा राजपक्षे के घर को फूंक डाला
भीड़ ने महिंदा राजपक्षे के पिता की स्मृति में बनाए घर पर आग लगा दी, साथ ही प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे के कुरुनेगला स्थित घर को भी आग के हवाले कर दिया

कोलंबो। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हिंसा बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा के बाद भी उनके खिलाफ आक्रोश कम नहीं हो रहा है। सोमवार को हिंसक भीड़ ने राजपक्षे के पूर्वजों के घर पर आग लगा दी। इस घटना के वीडियो वायरल हो रहे है। हंबनटोटा में राजपक्षे परिवार के पैतृक घर 'मेदमुलाना वालावा' को आग ने पूरी तरह से जला डाला।
MEDAMULLANA SET ON FIRE
— Dasuni Athauda (@AthaudaDasuni) May 9, 2022
The ancestral home of the Rajapaksa family in Medamullana, Hambantota set on fire by protesters. #lka #SriLankaEconomicCrisis #SriLankaCrisis pic.twitter.com/llDnvcMIGu
वीडियो में देखा जा सकता है कि राजपक्षे और उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का घर पूरी तरह जल कर खाक हो गया है। महिंदा राजपक्षे के पिता की स्मृति में इस घर को बनाया गया था। वहीं इसके साथ प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे के कुरुनेगला स्थित घर को भी आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा नेगोंबो में एवेनरा गार्डन में एक लेम्बोर्गिनी समेत कई वाहनों को आग से फूंक डाला।
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इससे पहले सोमवार के ही दिन महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो में मैना गोगामा और गोटा गोगामा में सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर हमला कर दिया था, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार, हिंसक भीड़ ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज के पिछले गेट के पास आग लगा दी थी।
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इसके साथ ही भीड़ ने सत्तारूढ़ गठबंधन के मंत्रियों और सांसद के संपत्तियों को भी फूंक डाला है। बदुल्ला जिला के सांसद तिस्सा कुटियाराच के घर पर पर भी हमला किया है। गाले में शिक्षा मंत्री रमेश पथिराना के घर किथुलमपिटिया में भी आग लगा दी गई। साथ ही पुट्टलम के सांसद सनथ निशान का घर आगजनी के कारण पूरी तरह जल कर खाक हो गया।
श्रीलंका में आगजनी की घटनाएं महिंदा राजपक्षे के समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद कर्फ्यू लगा देने के बाद हुई हैं। इन घटनाओं ने पूरे देश को हिंसा की आग में झुलसा दिया। कुरुनेगला के मेयर पर हमला किया गया है। हिंसक भीड़ ने नेगोंबो में पूर्व राज्यमंत्री के घर को भी फूंक डाला है।
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मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी में हुई हिंसा में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं और सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद समेत तीन लोगों की मौत भी हो गई है। वहीं गाले फेस में हुई झड़पों में 154 लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि श्रीलंका में पिछले महीने से ही महंगाई और बिजली कटौती को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीलंका अपने आजादी के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।
सोमवार को महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस्तीफा दिया है। राजपक्षे ने कहा था कि वह जनता के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।
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श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे पर भी अड़ गए हैं । प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास के सामने "Gota go home" "घर जाओ गोटा" के नारे भी लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के कारण 1 अप्रैल को सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसे 3 अप्रैल से लागू कर दिया गया था। आज पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
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सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी कई घंटों की बिजली कटौती, गैस, पेट्रोल, डीजल, खाद्य पदार्थ एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, कमी के विरोध में कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका आरोप है कि राजपक्षे परिवार ने सरकार में भारी भ्रष्टाचार किया है।
श्रीलंकन सरकार आर्थिक दिवालिया घोषित होने से बचने के लिए IMF के पास बेलआउट पैकेज की मांग लेकर पहुंची, जिसमें अभी कुछ महीनों का समय लग सकता है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर मुख्य रूप से निर्भर है, जिसे कोरोना ने गंभीर नुकसान पहुंचाया है। आज देश पर 12.55 बिलियन डॉलर का कर्जा है और श्रीलंका के पास 2.31 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार ही बचा है।