संविधान दिवस पर बेड़ियों में जकड़े दिखे MP के किसान, MSP की गारंटी और कर्जमाफी की मांग को लेकर प्रदर्शन

किसानों ने मांग की है कि उनकी फसल की कीमत उनकी लागत से दोगुनी हो। खेती के लिए जो मशीनें और उपकरण खरीदे जाते हैं उन पर GST हटाने की मांग की गई है।

Updated: Nov 27, 2024, 12:02 AM IST

कटनी/सतना। भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने का यह 75वां वर्ष है। मंगलवार को संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे हुए हैं। इस मौके पर मध्य प्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। कटनी जिले में किसान खुद को बेड़ियों में जकड़े नजर आए। वहीं, सतना में किसानों ने चक्काजाम किया।

कटनी में संविधान दिवस पर किसानों ने 12 मांगों को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। किसानों का कहना है कि उनकी हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है और सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है। इस दौरान एक महिला किसान मुन्नीबाई ने बताया कि खेती में उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी फसल को अच्छी कीमत पर खरीदना चाहिए। 

किसान नेता डॉ. ए. के. खान ने कहा कि सरकार ने किसानों को "कानूनी बेड़ियों" में जकड़ दिया है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से रख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी मांगे मानी जाएंगी।

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किसानों का कहना है कि महंगाई बढ़ने से खेती करना मुश्किल हो गया है। कर्ज और कम कीमतों की वजह से वे घाटे में जा रहे हैं। अगर सरकार ने उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला तो उनकी हालत और खराब हो सकती है। किसानों ने सरकार से अपील की है कि उनकी 12 मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

किसानों की मांग

* किसानों ने मांग की है कि उनकी फसल की कीमत उनकी लागत से दोगुनी हो। 
* खेती के लिए जो मशीनें और उपकरण खरीदे जाते हैं उन पर GST हटाई जाए।
* किसानों ने कहा कि उनका बैंक कर्ज माफ किया जाए।
* किसानों ने मांग की है कि उन्हें फसल के दाम की कानूनी गारंटी दी जाए।

उधर, सतना में मंगलवार को किसानों ने खाद की किल्लत को लेकर प्रदर्शन किया। सिविल लाइन स्थित गोदाम में खाद की आपूर्ति को लेकर एकत्रित हुए किसानों ने गुस्से में आकर सड़क पर जाम लगा दिया, जिससे सतना-कोठी-चित्रकूट मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। सतना और मैहर जिले में डीएपी खाद की भारी कमी है, जबकि किसान इसके विकल्प लेने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा कुछ निजी विक्रेताओं पर ओवर रेटिंग के आरोप भी लगे हैं। प्रशासन ने इस मामले में मैहर के दो निजी विक्रेताओं समेत कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।