कमलनाथ के इस्तीफे का एक साल होने पर कांग्रेस मनाएगी लोकतंत्र सम्मान दिवस

पिछले साल 20 मार्च को ही कमलनाथ ने दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, कांग्रेस बोली इस दिन हमने खरीद फरोख्त की राजनीति को ठुकराते हुए लोकतंत्र का सम्मान किया

Updated: Mar 10, 2021, 01:34 PM IST

Photo Courtesy : Business Today
Photo Courtesy : Business Today

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 20 मार्च को लोकतंत्र सम्मान दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। कांग्रेस कार्यकर्ता इस दिन पूरे प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकालेंगे साथ ही अन्य कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पिछले साल 20 मार्च को ही कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरी थी। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा कि 20 मार्च को कोई धरना प्रदर्शन नहीं होगा। हम लोकतंत्र सम्मान दिवस मनाएंगे। इसकी वजह है कि हमने कमलनाथ ने इस दिन खरीद फरोख्त की राजनीति को ठुकराते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता का त्याग किया था।

चंद्रप्रभाष शेखर ने आज भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, '15 वर्षों के बाद मध्य प्रदेश की जनता ने सरकार बदलने का निर्णय लेकर कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को प्रदेश की बागडौर सौंपी थी, परन्तु बीजेपी ने धनबल और खरीद-फरोख्त की राजनीति करते हुए जनता की चुनी हुई सरकार को गिराकर जनादेश, लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया। कमलनाथ ने जोड़तोड़, सौदेबाजी और अनैतिक दलबदल जैसे कृत्यों से खुद को दूर रखकर भारतीय लोकतंत्र और डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाये संविधान को जो सम्मान दिया है उससे हर एक भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस करता है।'

कमलनाथ ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता का त्याग किया

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, 'विधायक खरीदकर सरकार बनाने के बीजेपी के इस अलोकतांत्रिक और काले काल में कमलनाथ जी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता का त्याग किया और हर एक भारतवासी को लोकतंत्र के मूल्यों की सही तस्वीर दिखाई है। जब बीजेपी तमाम नैतिक मूल्यों और आदर्शों को कुचलकर सत्ता हासिल करने के लिए प्रजातन्त्र को धनतंत्र से कुचल रही थी, तब कमलनाथ ने लोकतांत्रिक मूल्यों, आदर्शवादी सिद्धांतो और नैतिकता के उच्च मापदंडो को मानते हुए 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया।'

यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने कहा, सिंधिया को कांग्रेस में आने के लिए देना होगा लिखित माफीनामा

चंद्रप्रभाष शेखर के मुताबिक  'कमलनाथ जनता से किए वादों को कांग्रेस का प्राथमिक संविधान मानते हुए काम कर रहे थे। सरकार द्वारा एक वर्ष में किये गए कार्यों ने शिवराज सरकार के 15 वर्षों के झूठ और भ्रम के शासन की पोल खोलकर रख दी थी। प्रदेश में शुरू हुए विकास के नए कीर्तिमानों ने बीजेपी की ध्यान भटकाव की राजनीति के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया। बीजेपी नेताओं को समझ आने लगा कि कमलनाथ सरकार यदि 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करती है और उसके द्वारा शुरू किये कार्य पूर्ण होते हैं तो बीजेपी की भविष्य में वापसी की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। राज्य के चहुंमुखी विकास से तिलमिलाई बीजेपी ने लोकतंत्र का गला घोटकर अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी सरकार का गठन किया।'

कांग्रेस नेता ने "लोकतंत्र सम्मान दिवस" मनाने का ऐलान करते हुए बताया कि इस दिन सभी जिला मुख्यालय में तिरंगा यात्रा का आयोजन, संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं वितरण, गांधी जी एवं बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और सभी कांग्रेस कार्यालयों में कमलनाथ जी के वीडियो सन्देश का प्रदर्शन व प्रसारण किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी थी और 22 विधायकों के साथ वे बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसकी वजह से कमलनाथ की चुनी हुई सरकार गिर गई थी। इसके बाद 23 मार्च को एक बार फिर सीएम शिवराज को सत्ता में आने का मौका मिल गया।