भोपाल में पेट्रोल की कीमतों ने लगाया शतक, पेट्रोलियम मंत्री बोले हम कुछ नहीं कर सकते

भोपाल में पॉवर पेट्रोल 31 पैसे बढ़कर 100.04 रुपए और सादा पेट्रोल 96.37 रुपए /लीटर तक जा पहुंचा, पेट्रोल क़ीमतों में सबसे पहले शतक लगाने वाला राज्य बना मध्य प्रदेश

Updated: Feb 14, 2021, 06:01 AM IST

Photo Courtesy: Business World
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भोपाल। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। मध्य प्रदेश में तो पेट्रोल की कीमत 100 के पार पहुंच गई है। राजधानी भोपाल में पॉवर पेट्रॉल की कीमत 31 पैसे बढ़कर 100 रुपए 4 पैसे पर जा पहुंची। राज्य में साधारण पेट्रोल का दाम भी 96.37 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। इस तरह मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां पेट्रोल की कीमत ने शतक लगा दिया है। पेट्रोल की बढ़ रही कीमतों पर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि इसे काबू करने के लिए सरकार कुछ नहीं कर सकती। हालांकि पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में सबसे बड़ा हिस्सा सरकार के टैक्स का ही होता है।

मध्य प्रदेश में डीजल की कीमत भी प्रति लीटर 86 रुपये 84 पैसे हो गई है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सबसे अधिक दाम पर डीजल बेचने वाला राज्य भी बन गया है। मध्य प्रदेश देश के बाकी सभी राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीज़ल पर सबसे अधिक वैट यानी वैल्यू ऐडेड टैक्स वसूलता है। यही कारण है कि राज्य में इस समय पेट्रोल और डीजल के दाम देश के किसी भी दूसरे राज्य की तुलना में अधिक है। प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर 39 प्रतिशत और डीजल पर 28 प्रतिशत वैट लगा रखा है।

1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद से छठी बार कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। नए साल की बात करें तो 1 जनवरी से अब तक 17 बार ईंधन के कीमत में वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 43 दिनों पेट्रोल की कीमत करीब 4 रुपए 91 पैसे महंगी हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉकडाउन खुलने के बाद राजधानी में पेट्रोल की कीमतों में 24 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। 1 जून 2020 को भोपाल में पेट्रोल 77.56 रुपए प्रति लीटर था, जो 14 फरवरी-2021 को 18.81 रुपए प्रति लीटर (24.25%) बढ़कर 96.37 रुपए तक पहुंच चुका है।

भोपाल में डीजल के दाम 1 जून को 68.27 रुपए प्रति लीटर थे, जो 13 फरवरी को 18.54 रुपए प्रति लीटर यानी कि 27.15 फीसदी बढ़कर 86.84 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। वहीं पॉवर पेट्रोल की बात करें तो 1 जून को यह 80.77 रुपए प्रति लीटर था जो अब 19.27 रुपए प्रति लीटर यानी 23.85% महंगा हो चुका है। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों से अब सरकार ने भी पल्ला झाड़ लिया है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में कहा है कि सरकार इसे लेकर कुछ नहीं कर सकती है। बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने जब सरकार से पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए टैक्स घटाने की मांग की तो सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी। विपक्ष बार-बार यह सवाल उठाता है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर नहीं हैं, तो भारत में पेट्रोल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं।

मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र सरकार के टैक्स में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले तक केंद्र सरकार पेट्रोल पर 9.48 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज़ वसूलती थी, जो अब तीन गुने से ज्यादा बढ़कर करीब 33 रुपये हो चुका है। इसी तरह डीज़ल पर लगने वाला टैक्स 3.56 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर करीब 32 रुपये प्रति लीटर किया जा चुका है। इसके अलावा पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र सरकार सेस भी वसूल करती है। यही वजह है कि जब दुनिया में कच्चे तेल के दाम बेहद कम हो गए थे, तब भी देश के भीतर लोगों को ऊंची कीमतें चुकानी पड़ीं।