प्रमोशन लिस्ट नहीं आने से MP के तहसीलदारों में आक्रोश, सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी

मध्य प्रदेश के कई जिलों में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 27 फरवरी से 1 मार्च तक छुट्‌टी पर जाने के लिए आवेदन दिए हैं।

Updated: Feb 26, 2023, 02:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सभी मोर्चों पर विरोध झेल रही है। अधिकांश विभागों के कर्मचारी ओपीएस सहित अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच अब राज्य के तहसीलदारों ने भी मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, मध्यप्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी में हैं।

मध्य प्रदेश के कई जिलों में तहसीलदारों ने 27 फरवरी से 1 मार्च तक छुट्‌टी पर जाने के लिए आवेदन भी दिए हैं। यानी वे कल से सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। हालांकि, अब खबर आ रही है मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों के कहने पर अधिकांश तहसीलदारों ने छुट्‌टी पर जाना टाल दिया है। यानि, वे सोमवार को काम पर आएंगे। 

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राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जीडीसी से ही प्रभार सौंपे जाने का आदेश निकलने का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा पिछले एक सप्ताह से गरमाया हुआ है। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश GAD यानी सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है।  इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी।

मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के मुताबिक वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती। अब तक वे जॉइंट कलेक्टर बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन सके हैं। वर्तमान में 220 तहसीलदार हैं, जो पदोन्नति का रास्ता देख रहे हैं।