रीवा में नर्सिंग होम की मनमानी, आयुष्मान कार्ड एक्सपायर होने की बात कहकर 23 हजार वसूलने का आरोप

रीवा में मरीज को नहीं मिला आयुष्मान कार्ड का लाभ, निजी नर्सिंग होम संचालक ने वसूले 23 हजार रुपए, कार्ड एक्सपायर होने की कही बात, कलेक्टर की सख्ती के बाद पैसे किए वापस

Updated: Mar 17, 2021, 06:20 AM IST

Photo courtesy: Patrika
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रीवा। कलेक्टर जनसुनवाई में एक मरीज ने शहर के जाने माने निजी नर्सिंग होम संचालक पर मनमानी का आरोप लगाया है। आयुष्मान कार्डधारी मरीज का आरोप है कि डाक्टर शैलबाला ने उन्हें शंकर नर्सिंग होम रेफर किया था। जहां उनसे इलाज के नाम पर 23 हजार रुपए वसूले गए। मरीज का कहना है कि उनके पास जो आय़ुष्मान कार्ड था, उसे नर्सिंग होम संचालक ने एक्सपायर बता दिया था।

इलाज के बाद महिला ने मामले की शिकायत कलेक्टर जनसुनवाई में की। महिला का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां प्राइवेट अस्पताल संचालक आयुष्मान कार्ड का क्लेम सरकार से भी लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ मरीजों से मोटी फीस भी वसूलते हैं। 

पीड़िता पुष्पा रजक ने मामले की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में की। जिसके बाद रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी ने रीवा CMHO डॉक्टर एमएल गुप्ता को जल्द से जल्द शंकर नर्सिंग होम सीज करने का आदेश दिया। कलेक्टर ने CMHO को मामले की जांच कराकर पीड़िता के पैसे वापस करवाने का आदेश दिया। इस मामले में CMHO ने कलेक्टर के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। मामले की जांच जारी है, रिपोर्ट आने पर नर्सिंगहोम के खिलाफ कार्रवाई होगी। फिलहाल जांच की शुरूआत होते ही शंकर नर्सिंग होम संचालक ने पीड़िता पुष्पा रजक की रकम वापस कर दी है।

दरअसल पुष्पा रजक का इलाज महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शैलबाला कर रहीं थी। इसके बाद उन्होंने पुष्पा को शंकर नर्सिंग होम में रेफर किया था। वहां उसका ऑपरेशन किया गया। निजी अस्पताल प्रबंधन ने उसका आयुष्मान कार्ड एक्सपायर बताया और 23 हजार रुपए वसूल लिए। जब मामला जनसुनवाई में पहुंचा तब अस्पताल द्वारा  पैसा वापस किया गया, जांच रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल सील भी किया जा सकता है।