पांढुर्णा में शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण, आदित्य ठाकरे ने कमलनाथ से पूछा शपथग्रहण की तारीख
कमलनाथ से मैं यही पूछने आया हूं कि शपथग्रहण समारोह का समय और तारीख कौन सी है? मुझे कमलनाथ जी को वापस CM की कुर्सी पर देखना है। मध्य प्रदेश और यहां की जनता के लिए सीएम की कुर्सी पर मुझे कमलनाथ को देखना है: आदित्य ठाकरे
पांढुर्णा। छिंदवाड़ा के पांढुर्णा में शुक्रवार को एक भव्य समारोह में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में शिवसेना (UBT) नेता व उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल हुए। इस दौरान आदित्य ठाकरे ने मंच से पीसीसी चीफ कमलनाथ से पूछा कि शपथग्रहण का दिन कौन सा है?
आदित्य ठाकरे ने स्पीच की शुरुआत में कमलनाथ को मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बताया। आदित्य ठाकरे ने कहा, 'कमलनाथ जी से मैं यही पूछने आया हूं कि शपथग्रहण समारोह का समय और तारीख कौन सी है? मुझे कमलनाथ जी को वापस CM की कुर्सी पर देखना है। मध्य प्रदेश और यहां की जनता के लिए सीएम की कुर्सी पर मुझे कमलनाथ जी को देखना है।'
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, 'कमलनाथ जी सभी को अपना मानते हैं। जब मैं मंत्री था, महाराष्ट्र में हमारी सरकार थी और उसके बाद भी, कमलनाथ जी का फोन आता था। पूछते थे- सब ठीक चल रहा है न, कांग्रेस साथ में है न... इसे ही रिश्ता और प्यार कहते हैं। यह प्यार मैंने महसूस किया है।'
कमलनाथ ने इस दौरान बाला साहब ठाकरे का एक किस्सा सुनाते हुए कहा, 'इमरजेंसी के समय संजय गांधी ने बाला साहब से बात की। मुझे मुंबई जाने के लिए कहा। मैंने पूछा- क्यों जाना है, क्या बात करना है? उन्होंने कहा कि बाला साहब को कनविंस करिए कि आप इमरजेंसी को सपोर्ट करें। मैं मुंबई गया। तब आदित्य पैदा नहीं हुए थे। बाला साहब से ढाई घंटे बात की। वे बातचीत के बड़े शौकीन थे। मैंने कहा कि आप जानते हैं कि देश में इमरजेंसी है। इतनी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। उन्होंने मुझे बीच में टोकते हुए बोला कि शिवसेना आपको सपोर्ट कर रही है।'
कमलनाथ ने आगे कहा, 'भाजपा और इसकी राजनीति को पहचानने का समय आ गया है। 2014 में लंबी-चौड़ी बातें की, 19 में राष्ट्रवाद- सर्जिकल स्ट्राइक, अब ये ध्यान मोड़ने के लिए मुद्दा ला रहे हैं सनातन धर्म। रोज सनातन धर्म की बात करेंगे। भारत सनातन धर्म का देश है। क्या मुझे खड़े होकर यहां कहना पड़ेगा कि मैं पुरुष हूं, यह तो अपने आप में स्वाभाविक बात है। इनकी राजनीति बांटने की राजनीति है।'
बता दें कि कमलनाथ का गृहजिला छिंदवाड़ा महाराष्ट्र से सटा हुआ है। यहां की भाषा शैली में भी मराठी टच है। बड़ी संख्या में मराठी समाज के लोग भी यहां रहते हैं। ऐसे में आदित्य ठाकरे का दौरा कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है।