चुनाव पूर्व शिवराज कैबिनेट का विस्तार, राजेंद्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी ने ली मंत्री पद की शपथ

मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया है। इनमें विंध्य से राजेंद्र शुक्ला, महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन और बुंदेलखंड से राहुल लोधी शामिल हैं।

Updated: Aug 26, 2023, 01:30 PM IST

भोपाल। कई दिनों से चल रहे कयासों के बाद शिवराज सरकार ने आखिरकार अपने मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों को शामिल कर लिया। शनिवार सुबह 8.45 पर राजभवन में तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया गया है। मंत्री बननेवाले इन विधायकों में विंध्य से राजेंद्र शुक्ला, महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन और बुंदेलखंड से राहुल लोधी शामिल हैं। तीनों को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

तीनों विधायकों के नामों पर कई दिनों से राज्य में चर्चाएं गर्म थी। खबर थी कि एक और चेहरा मालवा अंचल से भी मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है, लेकिन फाइनल नामों में वह छंट गया। तीनों मंत्रियों को संबंधित इलाकों में राजनीतिक गणित साधने के हिसाब से मंत्रमंडल में शामिल किया गया माना जा रहा है। 

खबर है कि राजेंद्र शुक्ला को इसलिए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया क्योंकि अव्वल तो वे शिवराज के करीबी हैं और दूसरे हाल ही में अभय मिश्रा और उनकी पत्नी को कांग्रेस से बीजेपी में शामिल कराने से नाराज़ थे। रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला 2018 के चुनावों में कांग्रेस के अभय मिश्रा को हराकर विधायक बने थे लेकिन उनकी परवाह न करते हुए मिश्रा पति पत्नी को शामिल किए जाने पर संतुलन बनाने की खातिर उन्हें दो महीने का मंत्री पद देकर शांत किया गया है।

महाकौशल में गौरीशंकर बिसेन की नाराजगी भी आएदिन खबरों में रहती रही है। वे बालाघाट से 7वीं बार के विधायक चुने गए और विधानसभा की कई समितियों के सदस्य और सभापति रह चुके हैं। वे जिला सहकारी बैंक एवं भूमि विकास बैंक बालाघाट के संचालक रह चुके हैं। बिसेन 1998 और 2004 में लोकसभा का चुनाव भी जीते हैं। उन्हें ओबीसी के चेहरे के तौर पर पहले आयोग का अध्यक्ष बनाया गया और अब मंत्री पद देकर महाकौशल में जगह सुरक्षित करना चाहती है बीजेपी।

तीसरे शख्स राहुल लोधी जो उमा भारती के भतीजे हैं और उन्हें मंत्रिमंडल में इसलिए लिया गया ताकि लोधी वोट को साधा जा सके। बंदेलखंड में लोधी वोटरों की संख्या का सवाल भी था और उमा भारती की नाराजगी को भी शांत कराना था। लेकिन सरकार के अंतिम दिनों में इस मंत्रिमंडल विस्तार को कमलनाथ ने भ्रष्टाचार की मित्रमंडली करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'जब कार्यकाल हो रहा है समाप्त और गिरने वाली है सरकार, तब मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का हो रहा है विस्तार। विदाई के समय स्वागत गीत गाने वाली भाजपा सरकार अब विस्तार क्या, पूरा मंत्रिमंडल भी बदल दे तो भी हार निश्चित है।'

हालांकि, कैबिनेट विस्तार के बाद बीजेपी में अंतर्कलह कम होने के बजाए बढ़ती नजर आ रही है। पार्टी नेताओं में इस बात को लेकर असंतोष है कि इस बार भी मालवा क्षेत्र को तवज्जो नहीं मिली। सियासी गलियारों में मालवा क्षेत्र के नेताओं की उपेक्षा को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं, सिंधिया खेमे में भी नाराजगी है। दरअसल, उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी को तो मंत्रिमंडल में शामिल किया गया लेकिन सिंधिया समर्थकों में किसी को जगह नहीं मिली है।