शिवराज सरकार ने स्वरोज़गार से जुड़ी 3 योजनाएं बंद कीं, पहले से स्वीकृत आवेदनों पर भी रोक

शिवराज सरकार के आदेश पर क़रीब 80 हज़ार लोगों को मिलने वाली मदद रोकी गई, जो तीन योजनाएं बंद की गई हैं उनमें किसानों के बच्चों को स्वरोजगार के लिए मदद देने की योजना भी शामिल है

Updated: Dec 21, 2020, 09:17 PM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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भोपाल। शिवराज सरकार ने कृषकों के बच्चों को स्वरोजगार के लिए सरकार की तरफ से दिए जाने वाले 30 प्रतिशत अनुदान को रोकने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने तीन योजनाओं को भी अचानक बंद कर दिया है। शिवराज सरकार के एमएसएमई विभाग ने बाकायदा बैंकों को पत्र लिखकर कहा है कि जिन लोगों के अनुदान के लिए आवेदन स्वीकृत किए गए हैं उनका भी भुगतान रोक दिया जाए। 

मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा कृषकों के बच्चों के लिए शुरू की गई 30% तक के अनुदान वाली स्वरोजगार योजना सहित तीन योजनाओं को अचानक बंद कर दिया गया है। इन योजनाओं में स्वरोजगार और उद्यम लगाने के लिए बैंकों से कर्ज लेने पर मध्य प्रदेश सरकार अनुदान के साथ-साथ बैंक की ब्याज दरों पर 6% तक की सब्सिडी देती है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ने लिखा है, "मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना ,मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ,मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को ऋण मिलने के साथ- साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। बड़ी शर्मनाक बात है कि जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं , उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है ?"

 

 

एक भी आवेदन न भेजें बैंक : एमएसएमई विभाग

शिवराज सरकार के एमएसएमई विभाग ने बैंकों को पत्र लिखकर कहा है कि वे इन तीन योजनाओं में एक भी आवेदन अनुदान या फिर सब्सिडी के लिए न भेजें। बैंकों के पास इन तीन योजनाओं में कोरोना काल में अलग-अलग वजहों से नौकरी गंवाने वाले करीब 80 हजार लोगों ने लोन के लिए आवदेन किए थे। इसके बाद बैंकों ने अनुदान और ब्याज सब्सिडी की स्वीकृति के लिए प्रकरण राज्य सरकार को भेजे थे।

सरकार की तरफ से बैंकों को भेजे गए पत्र में कहा है कि इन तीनों योजनाओं के तहत जिन प्रकरणों में राज्य सरकार से सब्सिडी और अनुदान की स्वीकृति मिल चुकी है, उनका भुगतान भी रोक दिया जाए। साथ ही नए आवेदकों के प्रकरण अनुदान और ब्याज सब्सिडी के लिए न भेजे जाएं।

सरकार के इस निर्णय के बाद से से बैंकों को खासी परेशान हो रही है। इसकी वजह यह है कि जिन 80 हजार लोगों ने इन तीन योजनाओं के तहत आवेदन किए थे। उनमें से करीब 35 हजार प्रकरण तो ऐसे हैं जिनमें राज्य सरकार से अनुदान की मंजूरी मिल भी चुकी है।

सरकार ने क्यों बंद की योजनाएं 

दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया है कि हर साल इन तीन योजनाओं में राज्य सरकार करीब 800 करोड़ रुपए का अनुदान और ब्याज सब्सिडी देती है। लेकिन इस बार कोरोना के संकट और प्रधानमंत्री स्वनिधि में राज्य सरकार द्वारा दी गई 4 हजार रुपए की अतिरिक्त राशि से राज्य सरकार संसाधनों की कमी से जूझ रही है। इसलिए राज्य सरकार ने इन तीन योजनाओं में सब्सिडी और अनुदान में रोक लगा दी है। अखबार के मुताबिक एमएसएमई विभाग के सचिव ने बताया है कि तीनों योजनाओं पर अचानक रोक इसलिए लगाई गई है, क्योंकि अब इन योजनाओं की जगह नई योजनाएं लागू की जाएंगी। नई योजनाओं की विशेषताओं पर अभी विचार किया जा रहा है। हालांकि अखबार के इस सवाल का सचिव ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि पुरानी योजनाएं बंद करने का काम, नई योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने के बाद क्यों नहीं किया गया।