पांढुर्णा के गोटमार मेले में दोनों पक्षों में कई घंटे चले पत्थर, करीब 500 लोग चोटिल

जाम नदी की पुलिया पर पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों के बीच मंगलवार सुबह से पत्थर फेंकने का सिलसिला शुरू हुआ। दोनों ओर से एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए गए।

Updated: Sep 04, 2024, 11:19 AM IST

पांढुर्णा। मध्य प्रदेश के पांढुर्णा में मंगलवार को हजारों साल से चले आ रहे 'खूनी खेल' गोटमार मेले का आयोजन किया गया। इस बार गोटमार मेले में लगभग 500 से अधिक लोगों के चोटिल होने की खबर है। इनमें से गंभीर रूप से घायल 17 लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिए नागपुर रेफर किया गया है। बाकी लोगों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। घायलों में किसी के चेहेर, नाक, सिर, पैर, पीठ में चोट पहुंची है।

जाम नदी की पुलिया पर पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों के बीच मंगलवार सुबह से पत्थर फेंकने का सिलसिला शुरू हुआ। दोनों ओर से एक-दूसरे पर पत्थर बरसाए गए। शाम पौने सात बजे दोनों पक्षों में आपसी समझौता हुआ। इसके बाद सावरगांव पक्ष के लोगों ने पलाश रूपी झंडा सम्मान के साथ पांढुर्णा पक्ष के लोगों को सौंप दिया।

यह खूनी खेल देखने 20 हजार से ज्यादा लोग यहां पहुंचे थे। लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर गोटमार का खेल देखा। कांग्रेस विधायक नीलेश उईके भी यहां पहुंचे। सुरक्षा के लिए 6 जिलों की फोर्स तैनात रही। प्रशासनिक अमले के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैनात रही। घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया। शाम को कलेक्टर और एसपी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से बात की।

गोटमार मेला हर साल पोला त्यौहार के दूसरे दिन जाम नदी पर खेला जाता है। नदी के दोनों ओर से पांढुर्ना और सावरगांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं। कहा जाता है कि हजारों साल पहले सावरगांव की लड़की और पांढुर्णा के लड़के के बीच प्रेम था। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों गांव के लोग इस प्रेम से नाराज थे। पोला त्यौहार के दूसरे दिन दोनों युवक-युवती शादी के लिए घर से भाग गए. इस दौरान जाम नदी की बाढ़ में फंस गए। जब इस बात का पता दोनों गांव के लोगों को चला तो लोग नदी किनारे जमा हो गए। लोगों ने प्रेमी युगल पर पत्थरों से बौछार कर दी। इससे दोनों की मौत हो गई। इसी प्रेमी युगल की याद में गोटमार का खेल खेला जाता है।