एटीएम में पत्ती फंसा कर दस लाख रुपए निकालने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, चार अन्य आरोपियों की है तलाश

सात लोगों की गैंग ने राजधानी भोपाल में 100 अलग अलग एटीएम में दिया वारदात को अंजाम, अप्रैल से अगस्त के महीने में एटीएम से निकाले थे दस लाख रुपए, अप्रैल से अगस्त के बीच निकाले थे रुपए, कैश निकालने के लिए लोहे की पत्ती का लेते थे सहारा

Updated: Oct 19, 2021, 04:20 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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भोपाल। राजधानी में अलग अलग एटीएम में से दस लाख रुपए निकालने वाले तीन जालसाजों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है। जालसाजों के गिरोह के चार अन्य लोगों की पुलिस अभी तलाश कर रही है। इन्होंने भोपाल के अलग अलग एटीएम से दस लाख रुपए निकाले थे। इसके लिए बदमाशों ने लोहे की पत्ती का सहारा लिया था। 

भोपाल पुलिस ने जालसाजी के मामले में आरिफ, शाहरुख और मनीष नामक आरोपियों को हिरासत में लिया है। शाहरुख जालसाजी के मास्टरमाइंड है। एटीएम से कैश निकालने की तरकीब उसी ने इंटरनेट के जरिए सीखी थी। जिसके बाद उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर राजधानी के अलग अलग इलाकों में वारदात को अंजाम दिया था। 

कैसे देते थे वारदात को अंजाम 

जालसाज कैश निकालने के लिए एसबीआई की पुरानी तकनीक वाले एटीएम को निशाना बनाते थे। कैश निकालने के लिए आरोपी के एक लोहे की पत्ती का सहारा लेते थे। एटीएम में कार्ड डालने के बाद जैसे ही कैश निकलने वाला होता था वे कैश स्लॉट शटर को पकड़ लेते थे। कैश गिरते से पहले वे उसी लोहे की पत्ती को घुसा दिया करते थे। जिस वजह से कैश सेंसर पर न गिर कर लोहे की पत्ती पर गिरता था। 

इस तरकीब के कारण एटीएम से कैश तो निकल जाता था, लेकिन वह पैसा कार्ड धारक के खाते में जमा रह जाता था। क्योंकि कैश के सेंसर पर न गिरने के कारण एटीएम नोटों को रीड नहीं कर पाता और मशीन में एरर आ जाता था। 

आरोपियों ने अप्रैल से लेकर अगस्त तक करीब 100 एटीएम में 42 बार इस वारदात को अंजाम दिया। अगस्त महीने में पुलिस को इस सिलसिले में शिकायत मिली थी। जिसके बाद गिरोह के तीन आरोपियों को पकड़ लिया गया। इनके पास से तीन आधार कार्ड और नौ एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। लोहे की पत्ती को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।