भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक, दो मासूमों को बनाया अपना शिकार, सीसीटीवी की कैद हुई पूरी घटना

भोपाल के जहांगीराबादा इलाके के वार्ड नंबर 42 में घटी है। यहां अपनी मां के साथ जा रहे बच्चे पर अचानक सामने से एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया।

Publish: Apr 25, 2024, 10:01 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के अन्य शहरों की तरह राजधानी भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां एक बार फिर आवारा कुत्ते ने एक के बाद एक दो मासूम बच्चों को अपना निशाना बनाया है। खास बात ये है कि, कुत्ते ने एक ही बार में अलग-अलग दो बच्चों पर हमला किया, जिसकी घटनी इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फिलहाल, गनीमत रही कि कुत्ते के हमले के दौरान आसपास लोग मौजूद थे, जिन्होंने दोनों मासूमों को कुत्ते के चंगुल से छुड़ा लिया, वरना एक बार फिर शहर में दर्दनाक हादसा होना संभव था।

ये घटना भोपाल के जहांगीराबादा इलाके के वार्ड नंबर 42 में घटी है। यहां अपनी मां के साथ जा रहे बच्चे पर अचानक सामने से एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ता बच्चे को पैरों से जबड़े में दबाकर खींचने लगा। हालांकि, गनीमत रही कि मौके पर अन्य लोग मौजूद थे, जिन्होंने तुंरत ही पीछे दौड़कर कुत्ते के जबड़े से मासूम को छुड़ाया। बच्चे को छोड़ते ही कुत्ते ने छुड़ा रहे युवक पर ही हमला कर दिया। इसपर दूसरे लोगों के चिल्लाने पर कुत्ता युवक को छोड़ नजदीक ही स्थिल गली से निकल रही एक अन्य बच्ची पर हमला कर देता है। फिलहाल, इस घटना में दोनों मासूम बच्चे लहूलुहान हो गए हैं।

आवारा कुत्ते के हमले की ये घटना इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जो अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल होने लगी है। घटना देखकर लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं, बल्कि शहर में इससे पहले भी सड़क पर झुंड के झुंड घूम रहे ये आवारा कुत्ते मासूम बच्चों समेत बुजुर्गों और महिलाओं पर हमले कर रहे हैं। हालात ये हैं कि कुत्तों के हमले से शहर में कई बच्चों की मौत तक हो चुकी है।

इधर, नगर निगम की तरफ से दावा किया जाता है कि वो आवारा कुत्तों को लेकर लगातार अभियान चला रही है, लेकिन हकीकम में अगर सिर्फ शहर के सरकारी अस्पतालों का ही रिकॉर्ड उठाकर देखें तो यहां हर रोज सैकड़ों लोग आवारा कुत्तों के हमले का शिकार होकर इलाज कराने अस्पताल आ रहे हैं। फिलहाल, देखना ये होगा कि आखिर कब तक शहर के मासूम बच्चों समेत अन्य लोग प्रशासन की उदासीनता की भेंट चढ़ते रहेंगे।