मिशनरी स्कूल पर हमले के आरोपी गिरफ्तारी के चंद घंटों में छूटे, स्कूल प्रशासन ने पूछा धर्मांतरण हुआ किसका

सोमवार को जब विदिशा के गंज बासौदा में सेंट जोसेफ स्कूल में बारहवीं के छात्र परीक्षा दे रहे थे तब बजरंग दल के लोगों ने स्कूल पर हमला कर दिया..उनका आरोप है कि स्कूल धर्मांतरण करा रहा है.. मगर स्कूल प्रशासन ने पूछा कि अगर यह सत्य है तो शिकायत में किसी धर्मांतरित व्यक्ति का नाम क्यों नहीं

Updated: Dec 08, 2021, 03:33 AM IST

विदिशा। सेंट जोसेफ स्कूल पर हुए हमले में होहल्ला के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हमलावरों ने धर्मांतरण का दावा कर स्कूल पर पथराव किया था। लेकिन गिरफ्तारी के चंद घंटों में ही आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। आर्क बिशप की गुहार पर सरकार ने कार्रवाई की जरूर मगर विदेशी चंदे का सवाल भी उठाया।

कांग्रेस ने इस घटना को प्रदेश में कानून व्यवस्था के गिरते स्तर से जोड़ा है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपियों की रिहाई पर सवाल खड़े किए हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछा है कि आखिर ज़िम्मेदार अधिकारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। 

घटना सोमवार को विदिशा ज़िले के गंज बसौदा शहर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल की है। जब स्कूल परिसर में सैकड़ों लोगों ने घुसकर हंगामा और पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। हमलावरों ने स्कूल परिसर में घुसकर खिड़कियों के शीशे, कुर्सियां और गमले तोड़ डाले। उनको शिकायत थी कि स्कूल में धर्मांतरण कराया जा रहा है। 

लेकिन स्कूल के छात्रों ने बताया कि जब हमला हुआ तब बारहवीं की परीक्षा चल रही थी। हमले से छात्र सहम गए थे, जिसके बाद अलग कमरे में उनकी परीक्षा आयोजित कराई गयी। हालांकि भय का माहौल होने के कारण छात्र परीक्षा में एकाग्रता नहीं बना पाए, जिसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा आयोजित कराई जाने की मांग भी की। स्कूल प्रशासन का कहना है कि आरोप है कि 31 अक्तूबर को धर्मांतरण कराया गया तो कलेक्टर की शिकायत में किसी धर्मांतरित व्यक्ति या छात्र का नाम क्यों नहीं है।

स्कूल प्रशासन ने भी हमले के दौरान पुलिस की अनदेखी पर सवाल खड़े किए हैं। स्कूल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उन्होंने पहले ही इस हमले की जानकारी पुलिस को दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए।