बाबा रामदेव के पतंजलि गुरुकुल से मुक्त कराए गए 4 बच्चे, सिक्योरिटी मनी के नाम पर बनाया था बंधक

रामदेव के पतंजलि गुरुकुल में छत्तीसगढ़ के 4 बच्चों को बंधक बनाया गया, छोड़ने की एवज में प्रबंधन मांग रहा था 2 लाख रुपए, गरियाबंद कलेक्टर और एसपी ने बच्चों को छुडवाने में की मदद, छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की

Updated: May 28, 2021, 04:02 PM IST

Photo courtesy: twitter
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योग गुरू बाबा रामदेव से जुड़े विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब हरिद्वार स्थित स्वामी रामदेव के पतंजलि गुरुकुल पर छत्तीसगढ़ के 4 बच्चों को बंधक बनाने का आरोप लगा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और गरियाबंद कलेक्टर ,एसपी की मदद से आखिरकार बच्चों को मुक्त करा लिया गया है। दरअसल छत्तीसगढ़ के गरियाबंद निवासी 4 बच्चे पतंजलि गुरुकुल में पढ़ते थे। बच्चों के परिजनों का कहना है कि गुरुकुल प्रबंधन ने प्रति बच्चे के 50 हजार रुपए के हिसाब से दो लाख रुपए की मांग की। जबकि बच्चों के पेरेंट्स का दावा है कि वे स्कूल से जुड़ी सारी फीस और सिक्योरिटी मनी जमा कर चुके हैं।

बच्चों की मां की तबीयत खराब होने की वजह से बच्चों के गुरुकुल से वापस बुलाया जा रहा था, लेकिन गुरुकुल प्रबंधन बिना रकम लिए बच्चों को छोड़ने को तैयार नहीं था। थक-हार कर बच्चों के पेरेंट्स ने हरिद्वार के कलेक्टर और मुख्य शिक्षा अधिकारी को खत लिखकर पतंजलि गुरुकुल स्कूल से अपने बच्चों को मुक्त करवाने में मदद की गुहार लगाई थी। यह खत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संज्ञान लिया। जिसके बाद गरियाबंद जिला और पुलिस प्रशासन की भी मदद ली गई।

गरियाबंद कलेक्टर ने हरिद्वार के कलेक्टर से बातचीत की। जिसके बाद चारों बच्चों को रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम से मुक्त कराया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत उन्हें मिली थी। उन्होंने बताया कि गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बच्चों को छोड़ दिया गया है।

बीते दिनों स्वामी रामदेव ने एलोपैथी डाक्टर्स और दवाओं को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि एलोपैथिक दवाओं के उपयोग से लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने इसे 'स्टुपिड और दिवालिया साइंस' भी बताया था। बयान की निंदा होने पर बाद में उन्हें अपना बयान वापस लेना पड़ा था। कई स्थानों पर स्वामी रामदेव के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी से योग गुरु रामदेव के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। डाक्टरों का आरोप था कि रामदेव ऐलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों की सेवा ना सिर्फ मज़ाक उड़ा रहे हैं बल्कि टीकाकरण पर गलत जानकारी भी फैला रहे हैं।