अस्पताल में बेड दिलवाने के लिए मांगे 5 लाख रुपए, AIIMS का लैब सहायक व उसकी बहन गिरफ्तार

कोरोना हेल्पलाइन पर आई शिकायत के आधार पर दर्ज हुई एफआईआर, पैसे लेकर हिमाचल भाग गए थे आरोपी, टीम ने दबिश देकर धर दबोचा, दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में बेड के लिए पैसे लिए

Updated: May 18, 2021, 11:27 AM IST

नई दिल्ली। कोरोना काल में जहां एक ओर मरीज़ ऑक्सीजन, दवाई व अस्पताल में बिस्तर के लिए परेशान हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी का रैकेट अपने चरम पर है। मरीजों और उनके परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कुछ असामाजिक तत्व कालाबाजारी कर ना केवल जनता को लूट रहे हैं बल्कि अपने देश के साथ ऐसे मुश्किल समय में विश्वासघात भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सामने आया है जहां ऐम्स का एक लैब सहायक अपनी बहन के साथ मिलकर बिस्तर उपलब्ध करवाने के नाम पर लाखों की लूट करते हुए पकड़ा गया है। ये दोनों एक बिस्तर दिलवाने के लिए 5 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। हालांकि अब वे पुलिस की गिरफ्त में हैं।

सफदरजंग अस्पताल के सामने ही ऐम्स के हेमाटॉलजी विभाग में कार्यरत एक लैब सहायक पंकज कुमार और उसकी बहन रामकवलप्रीत कौर उर्फ ममता मरीजों व उनके परिजनों से अस्पताल में बिस्तर दिलवाने के लिए 5 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। ना केवल दिल्ली बल्कि देश के सभी अस्पतालों में बिस्तर की मारामारी मची है। मरीज़ परेशान हो रहे हैं और उनके परिजन इस कोशिश में लगे हैं कि किसी भी तरह कहीं पर एक बिस्तर मिल जाए ताकि उनके प्रियजनों की जान बच जाए। इसी मजबूरी का फायदा उठा कर दोनों भाई–बहन इस कुकृत्य को अंजाम देने में लग गए थे। पंकज की बहन ममता एक नर्स थी और अभी कुछ ही समय पहले उसकी नौकरी चली गई है। फिलहाल वो बेरोजगार है। 

सहायक पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) प्रणव तायाल ने बताया कि उन्हें किसी हरिपाल कुमार की ओर से कोरोना हेल्पलाइन पर शिकायत मिली थी। हरिपाल ने शिकायत में बताया था कि उनकी बीवी को अस्पताल में बिस्तर दिलवाने के नाम पर दो लोगों ने उनसे दो लाख अस्सी हज़ार रुपए ऐंठे थे। शिकायत के तर्ज़ पर दो अज्ञात लोगों के खिलाफ रोहिणी थाने में एफआईआर दर्ज की गई और एक टीम बना कर मामले की तहकीकात करने के लिए भेज दिया गया। टीम ने पाया कि हरिपाल को पंकज का कॉन्टैक्ट नंबर मिला था जिसपर कॉल करने पर पंकज ने उनके सामने अब 5 लाख रुपए की मांग रख दी। बाद में पंकज ने अपनी बहन ममता का नंबर हरिपाल को भेजा और आश्वासन दिया कि वो उन दोनों की मदद करेगी।

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तायल ने बताया कि हरिपाल का बेटा लगातार ममता के संपर्क में था ताकि वो उसकी मां के किए वादे के अनुसार बिस्तर उपलब्ध करवा दे। लेकिन उससे पहले ही हरिपाल की पत्नी को बिना किसी संपर्क के अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। तब पंकज और ममता हरिपाल व उसके बेटे पर दबाव बनाने लगे कि उनकी पत्नी को इस उनके के हवाले से है भर्ती किया गया है ना कि साधारण प्रणाली से। इस वजह से हरिपाल से 5 लाख की रकम भरने की मांग करने लगे। तंग आकर हरिपाल के बेटे ने उस भाई–बहन के जोड़े को दो लाख अस्सी हज़ार रुपए दे दिए। पुलिस ने पहले ही शिकायत दर्ज़ कर चुके हरिपाल को उम्मीद थी कि उसके पैसा उस वापस मिल जाएंगे। पैसे लेकर वह भाई–बहन का जोड़ा हिमाचल प्रदेश पहुंच गया जहां से पुलिस की एक टीम ने उन्हें धर दबोचा।