वायरोलॉजिस्ट की पढ़ाई में बढ़ा युवाओं का रूझान

अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भविष्‍य में वायरोलॉजी से क्षेत्र में सरकारी और निजी संस्थाएं बड़ा निवेश करेंगी।

Publish: May 01, 2020, 03:11 AM IST

इन दिनों कोविड 19, कोरोना के साथ वायरोलॉजी शब्द  का नाम भी बहुत लिया जा रहा है। यही वह कोर्स है जिसकी तरफ कोरोना महामारी के दौरान युवाओं का रूझान सबसे अधिक देखा जा रह है। वायरोलॉजी यानि विषाणु विज्ञान। बीते वर्षों में सामने आए अलग-अलग वायरस- SARS, Ebola, MERS, जीका के बाद अब कोरोना ने जिज्ञासु मेडिकल छात्रों के मन में वायरोलॉजी पढ़ने की ललक और बढ़ा दी है। वो जानना चाहते हैं कि वायरस कैसे विकसित होते हैं, इनके कितने चरण होते हैं और ये आस-पास के वातवरण में कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

कोरोना बीते कई दशकों में आया सबसे खतरनाक वायरस है जिसके बाद लोग वायरस से होने वाले भयंकर नुकसान को जान गए हैं।ऐसे में अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि आने वाले दिनों में वायरोलॉजी से क्षेत्र में सरकारी और निजी संस्थाएं बड़ा निवेश करेंगी। जहां इसमें नए-नए कोर्सेस बनेंगे वहीं नौकरियों भी पैदा होंगी। यह समझना कि वायरस कैसे व्यक्ति की शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं, ये वैज्ञानिकों को दवाइयां और टीके बनाने में मदद करेगा। क्योंकि मौजूदा मानव सभ्यता में हर समय नया वायरस आने की आशंकाएं बनी रहती हैं इसलिए इसमें निरंतर रिसर्च की जरूरत बनी हुई है।

स्नातक के स्तर पर फिलहाल वायरोलॉजी नहीं पढ़ाया जाता है लेकिन छात्रा बेचलर लेवल पर माइक्रोबायलॉजी पढ़ सकते है, जिसके एक उप-विषय के तौर पर वायरोलॉजी पढ़ाया जाता है।

छात्र बायोटेक्नोलॉजी और एमबीबीएस की भी पढ़ाई करने के बाद इस क्षेत्र में आगे शोधकर्ता और लैब में टेक्निकल असिस्टेंट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं। वायरोलॉजिस्ट बनने के लिए छात्र स्नातकोत्तर में वायरोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी और प्रतिरक्षाविज्ञान की पढ़ाई कर सकते हैं। स्नातकोत्तर स्तर पर ये कोर्स पढ़ने के बाद छात्रों को इंडस्ट्री के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करने के अवसर मिलते हैं। इन विषयों की पढ़ाई कर निकले छात्रों को रिसर्च एसिसटेंट, क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर, लैब मैनेजर आदि के पदों पर नौकरियां मिल रही हैं।

वहीं माइक्रोबायोलॉजी और वायरोलॉजी में पीएचडी करने पर व्यक्ति को यूनिवर्सिटी और शोधशालाओं में उच्च पदों पर नौकरियां भी मिली हैं। इस क्षेत्र की पढ़ाई करने से अस्पतालों, नैदानिक केंद्रों, दवा कंपनियों, अनुसंधान संगठनों, सरकारी एजेंसियों, खाद्य उद्योगों, कृषि के क्षेत्र में नौकरी करने के दरवाजे आपके लिए खुल सकते हैं।

अगर आप इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के इच्छुक हैं तो भारत में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, मणिपाल विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय समेत तमाम विश्वविद्यालयों के कोर्सेज खंगाल सकते हैं।