Arnab Goswami: अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

SC Granted Bail: सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, अगर सरकार विचारों में भिन्नता के कारण किसी को निशाना बनाएगी तो अदालत को दखल देना ही होगा

Updated: Nov 11, 2020, 10:55 PM IST

Photo Courtesy: The Print
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नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को इंटिरियर डिजाइनर अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। इसी के साथ अन्य दो आरोपियों को भी अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में 50 हजार के निजी मुचलके पर अर्णब को रिहा करने का आदेश दिया है।

जस्टिस डिवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट को आरोपी को अंतरिम जमानत दे देनी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा कि टीवी के तंज को इग्नोर भी किया जा सकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देता है तो वो बरबादी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।

कोर्ट ने आगे कहा, ‘अगर राज्य सरकार विचारों में भिन्नता की वजह से किसी को व्यक्तिगत रूप से टारगेट कर रही है तो अदालत को दखल देना ही होगा।’ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हो सकता है आप अर्णब की विचारधारा को पसंद नहीं करते हैं। मैं अर्नब का चैनल नहीं देखता लेकिन अगर कोर्ट अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा नहीं करेगा तो यह रास्ता उचित नहीं है। हमें एक मजबूत संदेश भेजना होगा, पीड़ित निष्पक्ष जांच का हकदार है। अगर कोई राज्य जानबूझकर किसी व्यक्ति को टारगेट करता है तो ऐसे में अदालत को आगे आना होगा।’

कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से पूछा, ‘किसी को पैसे ना देना क्या आत्महत्या के लिए उकसाना हो गया? इसके लिए किसी को जमानत ना देना न्याय का मजाक है। अदालत का कहना है कि अगर राज्य सरकार किसी व्यक्ति को निशाना बनाती है तो उसे मालूम होना चाहिए कि नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए शीर्ष अदालत है।

गौरतलब है कि अर्णब गोस्वामी को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग पुलिस ने 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उनपर मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक को आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने अर्णब और अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी।