असम और मिजोरम में खूनी झड़प, एक दूसरे के दुश्मन बने दो राज्य, असम पुलिस के 5 जवान शहीद
आज़ाद देश के इतिहास में पहली बार दो राज्यों के बीच हुई खूनी झड़प, ट्विटर पर भिड़े मुख्यमंत्री, बॉर्डर पर भिड़े आर्म्ड फोर्सेज, दर्जनों लोग घायल, विपक्ष ने लगाया गृहमंत्री पर विफलता का आरोप

नई दिल्ली। देश के दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दोनों राज्यों के बीच इस विवाद ने हिंसक झड़प का रूप ले लिया है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों में हो रहे ट्विटर वॉर के बीच सोमवार को बॉर्डर पर आर्म्ड फोर्सेज आमने-सामने आ गए। झड़प इतना बढ़ गया कि असम पुलिस के 5 जवान शहीद हो गए। इतना ही नहीं असम के 40 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। उधर मिजोरम में लोगों के हताहत होने का स्पष्ट आंकड़ा सामने नहीं आ सका है।
आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब दो राज्यों के बीच किसी विवाद ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। ऐसी स्थिति तब है जब दोनों राज्यों में बीजेपी नीत एनडीए सरकारें हैं और केंद्र सरकार में भी बीजेपी ही सत्ता में है। इस हिंसक झड़प को विपक्ष ने गृहमंत्री अमित शाह की विफलता करार दिया है।
कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'हम असम के 6 पुलिस अधिकारियों की मौत से बहुत दुखी हैं, जिन्होंने एक हिंसक संघर्ष में अपनी जान गंवा दी। यह बीजेपी सरकार की पूर्ण विफलता का परिणाम है। गृह मंत्रालय असम और मिजोरम के बीच के मुद्दों को शांतिपूर्वक हल करने में विफल रही है। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी संवेदना।'
We are deeply saddened by the death of the 6 Assam Police officers who lost their lives to a violent conflict which is a result of the utter failure of BJP Govt. & Home Ministry at peacefully solving the issues between Assam & Mizoram.
— Congress (@INCIndia) July 26, 2021
Our heartfelt condolences to the families.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा और मिजोरम सीएम जोरमथंगा भी ट्विटर पर एक दूसरे से भिड़ते दिखे। दोनों राज्य प्रमुखों ने ट्विटर पर हिंसा का वीडियो साझा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। मिजोरम सरकार का आरोप है कि असम पुलिस ने पहले समझौते का उल्लंघन करते हुए उनकी सीमा के भीतर अवैध प्रवेश किया।
मिजोरम सरकार का दावा है कि असम पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और कोलासिब में एक चौकी तक पहुंचकर मिजोरम पुलिस के जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। मिजोरम के गृहमंत्री लालचमलियाना ने कहा, 'असम सरकार के अन्यायपूर्ण कृत्य की मिजोरम सरकार निंदा करती है।' मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि असम पुलिस ने राज्य के एक निर्दोष दंपत्ति पर हमला किया। उन्होंने कहा कि इन हिंसक कृत्यों को आप उचित कैसे ठहरा सकते हैं।
Innoncent couple on their way back to Mizoram via Cachar manhandled and ransacked by thugs and goons.
— Zoramthanga (@ZoramthangaCM) July 26, 2021
How are you going to justify these violent acts?@dccachar @cacharpolice @DGPAssamPolice pic.twitter.com/J9c20gzMZQ
उधर असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘कोलासिब (मिजोरम का क्षेत्र) के पुलिस अधीक्षक हमारे राज्य के पुलिसकर्मियों को अपनी चौकियों से भागने के लिए कह रहे हैं..' इस तरह की परिस्थितियों में हम सरकार कैसे चला सकते हैं? उम्मीद है की गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी जल्द से जल्द इस मसले पर हस्तक्षेप करेंगे।'
Honble @ZoramthangaCM ji , Kolasib ( Mizoram) SP is asking us to withdraw from our post until then their civilians won't listen nor stop violence. How can we run government in such circumstances? Hope you will intervene at earliest @AmitShah @PMOIndia pic.twitter.com/72CWWiJGf3
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
असम सीएम ने देर रात एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि, 'स्पष्ट सबूत अब सामने आने लगे हैं जो दुर्भाग्यपूर्वक इस ओर इशारा करते हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस के जवानों के खिलाफ लाइट मशीन गन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया है। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही यह मिजोरम की मंशा और गंभीरता के बारे में बहुत कुछ दर्शाता है।'
Clear evidences are now beginning to emerge that unfortunately show that Mizoram Police has used Light Machine Guns (LMG) against personnel of @assampolice. This is sad, unfortunate and speaks volumes about the intention and gravity of the situation.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
After killing 5 Assam police personnel and injuring many , this is how Mizoram police and goons are celebrating.- sad and horrific pic.twitter.com/fBwvGIOQWr
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021
यह पूरा घटनाक्रम असम के कछार जिले और मिजोरम के कोलासिब जिले के बॉर्डर इलाके का है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है। दरअसल, मिजोरम के तीन जिले, आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगते हैं। ये जिले तकरीबन 164.6 किलोमीटर बॉर्डर शेयर करते हैं। वैसे तो दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा का ये विवाद काफी पुराना है। लेकिन कभी भी इस तरह की नौबत नहीं आई।
यहां एक सवाल ये भी उठ रहा है कि जब मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने दोपहर दो बजे ही स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की थी और पीएमओ से लेकर गृहमंत्री को टैग कर आग्रह किया है कि मामले पर हस्तक्षेप करें तो गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान क्या कदम उठाए? और अगर उन्होंने ज़रूरी कदम उठाए तो असम के जवानों की मौत क्यों हुई।
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस घटना को दर्दनाक और अस्वीकार्य करार दिया है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'बेहद दर्दनाक और अस्वीकार्य! एनडीए-बीजेपी सरकारें असम और मिजोरम और बीजेपी सरकार दिल्ली में शासन करती हैं। यह राज्यों की कानून व्यवस्था बनाए रखने और उन्हें हिंसा में धकेलने में दो मुख्यमंत्रियों और सरकारों की स्पष्ट विफलता है। अमित शाह की जवाबदेही क्या है? चुप रहें या कार्रवाई करें।'
Deeply painful & unacceptable !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 26, 2021
NDA-BJP Govts rule Assam & Mizoram & BJP Govt rules in Delhi.
This is a clear failure of the two CM’s & Govts to maintain law & order pushing the States into unwarranted violence.
What is the accountability of Sh. Amit Shah. Quit or act. pic.twitter.com/DGuz2RPw6x
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस विवाद की मुख्य वजह यह है कि दोनों राज्य सीमा को लेकर अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं। मिजोरम साल 1875 में अधिसूचित 509 वर्ग मील के आरक्षित वन क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है, वहीं असम सन 1933 में तय संवैधानिक नक्शे को मानता है। इस विवाद को खत्म करने के लिए कई बार प्रयास हुए हैं लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। हालांकि, केंद्र की दखल की वजह से स्थिति इतनी दुर्भाग्यपूर्ण कभी नहीं हुई।