भीमा कोरेगांव केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को दी जमानत, सुप्रीम कोर्ट जाएगी NIA

भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने इस फैसले को एक सप्ताह के लिए रोक लिया है। इस फैसले के विरोध में एनआईए सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

Updated: Nov 18, 2022, 10:56 AM IST

मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आनंद तेलतुंबडे को जमानत दे दी है। आनंद तेलतुंबडे को हाई कोर्ट ने यह जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर दी गई है। हालांकि NIA के वकील संदेश पाटिल की अपील पर कोर्ट ने आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। एजेंसी ने यह समय इसलिए मांगा ताकि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सके।

प्रोफेसर तेलतुंबडे के खिलाफ माओवादियों से संबंध के आरोप थे। उनके भाई मिलिंद तेलतुंबड़े, जो कई साल पहले घर छोड़कर चले गए थे वह एक माओवादी नेता थे और पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। आनंद तेलतुंबडे को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस एएस गडकरी और एमएन जाधव की पीठ ने 73 वर्षीय तेलतुंबड़े की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

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दरअसल, हर साल 1 जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में जमा होते है। वो यहां 'विजय स्तम्भ' के सामने सम्मान प्रकट करते हैं। इसी जश्न के दौरान साल 2018 में दलितों और मराठों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस का आरोप है कि यहां हिंसा भड़काने में सामाजिक कार्यकर्ताओं का हाथ है। 

इस मामले में वरवर राव, सुधा भारद्वाज, रोना विल्सन और अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वेरनॉन गोन्जाल्विस जैसे एक्टिविस्टों और बुद्धिजीवियों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस की दलील थी कि 31 दिसंबर को यल्गार परिषद ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके कारण हालात बिगड़ गए थे।