बुलंदशहर पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ठाकुर जूता बेचनेवाले पर 153A में केस दर्ज करने का नहीं मिला साक्ष्य
बुलंदशहर पुलिस ने कहा हमने सुसंगत काम किया, मुस्लिम युवक को पूछताछ के बाद छोड़ा, पुलिस का कोई बयान हंगामा खड़ा करनेवाले के बारे में नहीं आया

बुलंदशहर। ठाकुर जूता बेचनेवाले नासिर की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ 153A की धारा में केस दर्ज करने के आरोपों का यूपी पुलिस ने खंडन किया है। बुलंदशहर पुलिस ने हमसमवेत को ट्वीट कर जवाब दिया है कि मारपीट के बाद नासिर नामक जूता विक्रेता को पूछताछ के लिए थाना ले जाया गया था, लेकिन उसपर जातिगत अपमान का केस दर्ज करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। इसलिए नासिर को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। पुलिस ने इससे पहले भी ट्वीट किया था कि हंगामे में वक्त उसे जो सुसंगत लगा उन्होंने वो कार्रवाई की। पुलिस ने अपनी सफाई में यह कहीं नहीं बताया कि उसने हंगामा करनेवाले शख्स के खिलाफ क्या कार्रवाई की।
दरअसल सोशल मीडिया पर कल से एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें विशाल चौहान नाम के खरीददार ने आकर फुटपाथ पर जूता बेचनेवाले नासिर से लड़ाई की थी, यह भी कहा था कि वो ठाकुर जूता क्यों बेच रहा है, इसे हटा क्यों नहीं देता.. इससे उसकी दुकानदारी बंद हो सकती है।
हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद कुछ मीडिया संस्थानों ने ठाकुर शूज़ के मालिक से भी बातचीत की थी और उन्होंने बताया कि वो चालीस साल से यह काम कर रहे हैं, उन्हें पहले ऐसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था। कुछ मीडिया संस्थानों ने लिखा कि विवाद खड़ा करनेवाले विशाल चौहान नाम के शख्स का दक्षिणपंथी संगठन से रिश्ता है।