CBSE ने तय किया 12वीं बोर्ड रिजल्ट का फार्मूला, 31 जुलाई तक आएगा रिजल्ट

CBSE ने 10वीं, 11वीं की परीक्षाओं के 30-30 प्रतिशत और 12वीं के सालभर के प्रदर्शन का 40 फीसदी वेटेज के आधार पर रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला कोर्ट के सामने रखा, जो छात्र इससे राजी नहीं वे स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा दे सकेंगे।

Updated: Jun 17, 2021, 07:29 AM IST

Photo Courtesy: DNA
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दिल्ली। 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट के लिए CBSE ने 10वीं, 11वीं की परीक्षाओं के 30-30 प्रतिशत और 12वीं के सालभर के प्रदर्शन का 40 फीसदी वेटेज के आधार पर रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया है। CBSE  की 13 सदस्यीय कमेटी ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट को लेकर इवैल्यूएशन क्राइटेरिया सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। जिसमें कहा गया है कि रिजल्ट 10वीं और 11वीं की परीक्षा के वेटेज के आधार पर तैयार किया जाएगा। वहीं 12 के प्री बोर्ड्स में छात्रों के प्रदर्शन का 40 प्रतिशत जोड़ा जाएगा।

 

CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में एफीडेविट दायर कर दिया है। जिसमें कोर्ट के सामने 12वीं के रिजल्ट का फार्मूला बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह पहला मौका है जब बोर्ड को परीक्षाओं के लिए फार्मूले की जरुरत पड़ी है, ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई। उन्होंने कोर्ट को बताया कि  छात्रों को 10वीं बोर्ड में मिले नंबर, 11वीं कक्षा के नंबर और 12वीं कक्षा की प्री बोर्ड परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर 12वीं का रिजल्ट तैयार किया जाएगा। वहीं जो छात्र इस मूल्यांकन से सन्तुष्ट नहीं होंगे वे चाहें तो उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। CBSE की ओर से कहा गया है कि 12 बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 31 जुलाई तक तक जारी कर दिया जाएगा।

CBSE ने नंबर देने के फार्मूले के बारे में बताया है कि कक्षा 10वीं का वेटेज 30% होगा। जिनमें 5 विषय में से तीन विषयों के थ्योरी पेपर के आधार पर नंबर दिए जाएंगे। जिनमें तीन विषयों में छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया होगा उसके नंबर जोड़े जाएंगे। इसी तरह कक्षा 11 वीं का वेटेज भी 30% होगा। छात्रों को फाइनल एग्जाम से सभी थ्योरी पेपर की परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर दिया जाएगा। जबकि कक्षा 12वीं का वेटेज 40 प्रतिशत रखा जाएगा।

जिसमें साल भर के दौरान छात्रों के यूनिट टेस्ट, मिड टर्म और प्री-बोर्ड परीक्षा में मिले नंबरों के आधार पर रिजल्ट में 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा।

 

सरकार की ओर से यह भी साफ किया गया है कि जो स्टूडेंट्स इस ग्रेडिंग से संतुष्ट नहीं होंगे। वे कोरोना महामारी की स्थिति सामान्य होने पर  परीक्षाओं में शामिल होकर अपना रिजल्ट सुधार कर सकेंगे। 

दरअसल देश में बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से CBSE की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी। जिसकी घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। जिसके बाद CBSE C ने 4 जून को असेसमेंट पॉलिसी तय करने के लिए 13 सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। समिति को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दस दिन का समय दिया गया था।