सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से मस्जिदों को नुकसान, वक्फ़ बोर्ड ने दी पीएम मोदी को चेतावनी

आप विधायक अमानतुल्लाह खान के मुताबिक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कई पुरानी मस्जिदों को तोड़ने की योजना है, उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

Updated: Jun 05, 2021, 05:27 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम जोरों पर है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट जब से शुरू हुआ है तब से विवादों में घिरा हुआ है। विवादों की फेहरिस्त में एक नया विवाद तब जुड़ गया जब आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दावा किया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कई मस्जिदों को तोड़ने की योजना है। आप नेता ने पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए कहा है कि एक भी मस्जिद का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष व आप एमएलए अमानतुल्लाह ने पीएम मोदी को इस बाबत चेतावनी भरी लहजे में पत्र लिखा है। अमानतुल्लाह ने लिखा, 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से मानसिंह रोड पर स्थित ज़ाब्ता गंज मस्जिद, वाइस प्रेसिडेंट आवास की मस्जिद और कृषि भवन की मस्जिद को नुक़सान पहुंचाया जा सकता है। हम किसी भी हालात में इन मस्जिदों का नुकसान बर्दाश्त नहीं करेंगे।' 

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अमानतुल्लाह खान ने पीएम मोदी से आश्वासन मांगा है कि लुटियंस क्षेत्र में स्थित किसी भी विरासत मस्जिद को हाथ न लगाया जाए। उन्होंने 10 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि, फिलहाल बीजेपी या केंद्र की ओर से मस्जिद को लेकर कोई जवाब नहीं आया है। खान ने यह भी लिखा है कि मई में उत्तरप्रदेश में दो मस्जिदों को गिराए जाने से मुस्लिम समुदाय नाराज है। आप नेता ने बताया है की किसी भी मस्जिद एवं संपत्ति को लेकर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड से अबतक संपर्क नहीं किया गया है।

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

दिल्ली स्थित राजपथ के दोनों तरफ के इलाके को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है। विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर जवाहर भवन तक इस पूरे इलाके को केंद्र सरकार द्वारा तोड़कर नया निर्माण कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन, नया प्रधानमंत्री आवास के साथ ही पीएमओ के कार्यालय व अन्य बिल्डिंग्स के निर्माण होने हैं। साल 2022 के अंत तक इसके पूरा होने की संभावना है। चूंकि कोरोना संकट के बीच इस प्रोजेक्ट में हजारों करोड़ खर्च हो रहे हैं इसलिए विपक्ष इसका विरोध कर रही है।