इस चुप्‍पी का राज क्‍या है सरकार?

लॉक डाउन के 1 महीने बीत जाने के बाद भी कई क्षेत्रों में सरकार की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया हैं।

Publish: Apr 27, 2020, 10:59 AM IST

कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए कांग्रेस पार्टी ने रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार से एक स्पष्ट कार्य योजना की मांग की, ताकि इस बीमारी पर रोक लग सके और आर्थिक दिक्कतों को दूर किया जा सके। पार्टी ने ऐसे 5 क्षेत्रों को सूचिबद्ध किया है और उसका मानना है कि राष्ट्रीय कार्य योजना में इन पर ध्यान दिया जाय, जिससे देश और राज्य सरकारों के बीच स्पष्टता हो।

इस बारे में पार्टीने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से कई ट्वीट किए हैं। पार्टी का मानना है कि लॉक डाउन के 1 महीने बीत जाने के बाद भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जिस पर सरकार की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया हैं। पार्टी ने अपने ट्वीट के जरिये सरकार से इन 5 क्षेत्रों पर फ़ोकस करने को कहा है। ये क्षेत्र हैं- टेस्टिंग किट की खरीदी और परीक्षण में वृद्धि, लॉक डाउन हटाना, आर्थिक पुनरुत्थान, फंसे प्रवासी मजदूर और सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग।

कोरोना टेस्टिंग के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी के रुख का हवाला देते हुए सरकार से सवाल किया कि अपनी बताई गई क्षमता से कम टेस्ट क्यों किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ये स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह जानबूझकर कम टेस्ट कर रही है ताकि महामारी की तीव्रता को कम करके दिखाया जा सके। तिवारी ने कहा कि यदि भारत की क्षमता एक दिन में 1 लाख टेस्ट करने की है तो क्यों केवल 39 हजार टेस्ट हो रहे हैं।

लॉक डाउन उठाने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस सम्बन्ध में देश और राज्य सरकारों को एक स्पष्ट कार्य योजना की जरूरत है क्योंकि 3 मई के बाद भी ये बीमारी दूर नहीं जा रही है, जबकि 3 मई को लॉक डाउन का दूसरा चरण समाप्त हो रहा है।

आर्थिक मोर्चे पर भी पार्टी ने अपनी चिंताओं को दोहराते हुए सरकार पर भरम उत्पन्न करने वाले फैसले लेने का आरोप लगाया। पार्टी ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि भाजपा सरकार दर्द कम करने की बजाय उसे बढाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। वह महंगाई भत्ते को रोक रही है, जबकि आज इसकी ज्यादा जरूरत है। सरकार भारतीय सेना की आवश्यकताओं में कटौती कर रही है। वास्तव में आर्थिक मोर्चे पर सरकार ने अपनी दिशा खो दी है। एक अन्य ट्वीट में पार्टी ने पूछा है कि सरकार सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाओं को क्यों नहीं वापस ले रही है और उसके फण्ड का उपयोग कोविड 19 से लड़ने में कर रही है।

एमएसएमई और आर्थिक पुनरुद्धार के मसले पर पार्टी यह जानना चाहती है कि  उद्योगों को वित्तीय सहायता का दूसरा डोज कब दिया जाएगा। उद्योग जगत द्वारा सहायता के लिए आवाज उठाने के बावजूद भाजपा सरकार दूसरे वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा क्यों नहीं कर रही हैं। सरकार किसका इंतजार कर रही है।

प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर कांग्रेस ये मांग करती रही है कि मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाय। कई राज्य सरकारों ने भी संकेत दिए हैं कि वे प्रवासी मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से घर वापस लाना चाहते हैं, फिर केंद्र की ओर से इस बारेमे प्रयास क्यों नहीं हो रहे हैं।