केंद्रीय कृषि मंत्री के क्षेत्र से एकता परिषद की पदयात्रा, 17 दिसंबर को मुरैना से दिल्ली कूच करेंगे किसान

किसानों के समर्थन में एकता परिषद के समन्वयक पीवी राजगोपाल, 17 दिसंबर को मुरैना से हज़ारों किसानों के साथ शुरू होगी पदयात्रा

Updated: Dec 15, 2020, 03:19 AM IST

Photo Courtesy: social media
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रायपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को एकता परिषद और अखिल भारतीय सर्वोदय समाज का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। एकता परिषद के समन्वयक पीवी राजगोपाल के मार्गदर्शन में 17 दिसंबर को हजारों किसान मुरैना से दिल्ली के लिए कूच करेंगे। रायपुर के तिल्दा से पीवी राजगोपाल सड़क मार्ग से रवाना हो चुके हैं।

वे किसान आंदोलन के समर्थन में मुरैना से शुरू होने वाली पदयात्रा में शामिल होंगे। पीवी राजगोपाल रायपुर से कवर्धा, मंडला, डिंडोरी, उमरिया होते हुए कटनी रुकेंगे। इस बीच वे इन स्थानों में किसानों से भी मुलाकात करेंगे।17 दिसंबर को वे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र मुरैना से हजारों किसानों के जत्थे के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

 पीवी राजगोपाल का कहना है कि वे आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों के समर्थन में हैं। केंद्र सरकार किसानों का आंदोलन कमजोर करने की कोशिश में लगी है, ऐसे में एक्शन तेज किया जा रहा है। मुरैना में एक जनसभा के बाद दिल्ली के लिए पदयात्रा की शुरुआत होगी। मुरैना से शुरु होकर पदयात्रा धौलपुर, आगरा-मथुरा होती हुई दिल्ली सीमा तक पहुंचेगी। इस यात्रा में शामिल किसान दिल्ली आंदोलन में शामिल होंगे। इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में महिला किसानों को शामिल करने की तैयारी है। आपको बता दें कि देशभर से एकता परिषद और सर्वोदय समाज से जुड़े संगठनों को भी दिल्ली आने को कहा गया है। इसमें शामिल किसान अपने साथ राशन और रुकने के इंतजाम के साथ पद यात्रा करेंगे।  

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 राजगोपाल पीवी ने तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी कहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि चुनाव जीतने के बाद किसी से बात नहीं करना, किसानों के लिए कानून बनाते वक्त किसानों से किसी प्रकार की चर्चा नहीं करना बेहद खतरनाक है। वे देशभर के किसानों की मांगों के समर्थन में दिल्ली पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि एकता परिषद और सर्वोदय समाज संगठनों की कई प्रदेशों की इकाइयां पहले ही आंदोलन में पहुंच चुकी हैं। आपको बतादें कि किसानों का आंदोलन 19 दिन से जारी है। सोमवार को 40 किसान संगठनों के नेता भूख हड़ताल पर रहे।