गलवान घाटी के 20 शहीदों का सम्मान, कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र

चीन के मंसूबों पर पानी फेर भारतीय सीमा की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले भारतीय सेना के 20 वीर जवानों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है

Updated: Jan 26, 2021, 02:04 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के मंसूबों पर पानी फेरकर भारतीय सीमा की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले भारतीय सेना के 20 वीर जवानों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। गलवान घाटी हमले में शहीद हुए 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को देश का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान महावीर चक्र दिया गया है। 

गलवान घाटी की झड़प में शहीद हुए चार अन्य सैनिकों, नायब सूबेदार नुदुराम सोरेन, हवलदार (गनर) के. पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना की तीन मीडियम रेजिमेंट के हवलदार तेजिंदर सिंह को भी वीर चक्र से नवाजा गया है। वहीं 14 अन्य सैनिकों को सेना मेडल से नवाजा गया है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार उन्हें यह पदक शत्रु की उपस्थिति में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि गलवान घाटी में 16वीं बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू की अगुवाई में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों के कायराना हमले के दौरान असाधारण तरीके से मुंहतोड़ जवाब दिया था। 

लद्दाख में भारतीय सेना ने ‘गलवान के वीरों’ के लिए पहले ही एक स्मारक बनाया है। स्मारक पर ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ के उन पराक्रमी योद्धाओं का उल्लेख है जिन्होंने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर किया और भारत मां की लाज रखने में अपनी जान की बाजी लगाने से भी नहीं चूके।