कोरोना से लड़िए, मोदी से नहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया पीएम का बचाव

हर्षवर्धन बोले- प्रधानमंत्री पर अपने मन की भड़ास निकालना निंदनीय, झारखंड सीएम ने कहा था, पीएम काम की बात के बजाए सिर्फ मन की बात करते हैं

Updated: May 07, 2021, 12:34 PM IST

Photo Courtesy: The Tribune India
Photo Courtesy: The Tribune India

नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मोर्चा संभाला है। हर्षवर्धन ने झारखंड सीएम के वार पर पलटवार करते हुए कहा है कि अपनी मन की भड़ास प्रधानमंत्री पर निकालना निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि कोरोना से लड़िए प्रधानमंत्री से नहीं। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हेमंत सोरेन के ट्वीट को रिट्वीट कर लिखा, 'हेमंत सोरेन जी शायद अपने पद की गरिमा को भूल गए हैं। कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति को लेकर देश के PM पर कोई बयान देते समय उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस महामारी का अंत सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए अपने मन की भड़ास PM पर निकालना निंदनीय है।' 

हर्षवर्धन ने आगे लिखा कि, 'केंद्र सरकार ने कोरोना संकट काल में जहां ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के लिए खज़ाने खोल दिए हैं, वहीं झारखंड सरकार ने, अपने खज़ाने  का मुंह बंद कर रखा है। श्री हेमंत सोरेन जी चाहते हैं कि हर काम केंद्र सरकार करे। कोरोना से लड़िए, PM से नहीं।'

यह भी पढ़ें : सोनिया गांधी बोलीं- सिस्टम नहीं नरेंद्र मोदी की सरकार फेल साबित हुई है, बुलाया जाए सर्वदलीय बैठक

दरअसल, गुरुवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री को कोरोना के हालात पर चर्चा करने के लिए फोन किया था। पीएम से बातचीत के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि मोदी ने फोन पर न तो कोई काम की बात की और न ही कोई काम की बात सुनी। सोरेन ने ट्वीट किया, 'आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।'

हालांकि यह पहली मर्तबा नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी पर किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐसा आरोप लगाया हो। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहले कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री के साथ बातचीत हमेशा वन वे होती है। कभी कोई जवाब नहीं मिलता। खुद ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर बंगाल की जनता की सहायता न करने का आरोप लगा चुकी हैं। 

यह भी पढ़ें : मोदी सिर्फ अपने मन की बात करते हैं, काम की बात नहीं करते, झारखंड के सीएम का पीएम मोदी पर तंज

गैर भाजपा शासित ज़्यादातर राज्य अमूमन मोदी सरकार पर सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाते रहे हैं। दिल्ली सरकार और ऑक्सीजन की मांग सबसे ताज़ा उदाहरणों में से एक है। वहीं झारखंड सरकार का भी कहना है कि केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया नहीं करा रही है। झारखंड के स्वास्थ्य सचिव अरुण सिंह यह कह चुके हैं कि केंद्र सरकार ने अब तक झारखंड को केवल 2181 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए हैं। जबकि राज्य सरकार बांग्लादेश से 50 हज़ार इंजेक्शन मंगवाना चाहती है, लेकिन मोदी सरकार राज्य को अनुमति नहीं दे रही है।