लक्ष्यद्वीप के हालात परेशान करने वाले हैं, 93 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

लक्ष्यद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वारा थोपे गए विवादास्पद गुंडा एक्ट के खिलाफ विरोध तेज, प्रशासक प्रफ्फुल पटेल को हटाने की मांग

Updated: Jun 06, 2021, 10:17 AM IST

Photo Courtesy: Travel Earth
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लक्ष्यद्वीप। प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट यानी गुंडा एक्ट के खिलाफ लक्ष्यद्वीप में विरोध तेज हो गया है। विपक्ष और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद अब देश के 93 पूर्व नौकरशाहों ने इसके खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। पूर्व नौकरशाहों ने लक्ष्यद्वीप के मौजूदा हालातों को लेकर चिंता व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र में नौकरशाहों ने लिखा है कि लक्ष्यद्वीप में विकास के नाम पर जो कुछ भी हो रहा है वह परेशान करने वाला घटनाक्रम है। उन्होंने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए ऐसा उचित विकास मॉडल सुनिश्चित किया जाए जिसमें स्थानीय लोगों के विचार भी शामिल हों। पूर्व नौकरशाहों ने पीएम मोदी से अपील की है कि लक्षद्वीप के विकास मॉडल में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर शासन प्रणाली जैसी चीजों को जोड़ा जाए।

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पत्र में कहा गया है कि भारत के नक्शे में लक्ष्यद्वीप एक अलग स्थान रखता है और यह केंद्र शासित प्रदेश सांस्कृतिक विविधताओं से भरा हुआ है। पत्र की कॉपी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी भेजी गई है। खास बात यह है कि इसपर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शिवशंकर मेनन, प्रसार भारती के पूर्व CEO जवाहर सरकार, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे टी के ए नायर समेत अन्य दिग्गज अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।

दरअसल, प्रफुल्ल पटेल ने जब से लक्ष्यद्वीप के प्रशासन का दायित्व संभाला है तब से वहां विवाद की स्थिति है। पटेल पीएम मोदी के करीबी नेता माने जाते हैं। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब पटेल उनके कैबिनेट में गृह मंत्रालय का दायित्व संभाल चुके हैं। पटेल ने लक्ष्यद्वीप में बीफ बैन कर दिया है जबकि वहां के अधिकांश लोग बीफ खाते हैं। पटेल ने गुंडा एक्ट का भी मसौदा तैयार किया है जिसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना कारण अरेस्ट कर सकती है।

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पटेल दमन एंड दीव और दादरा नगर हवेली के भी प्रशासक हैं। पटेल के इन विवादास्पद फैसलों के बाद देश की कई पार्टियां और सामाजिक संस्थाओं ने लक्ष्यद्वीप बचाओ मुहिम शुरू कर दिया है। कांग्रेस के लक्ष्यद्वीप प्रभारी तारिक अनवर ने कहा है की पटेल के फैसले केंद्र शासित प्रदेश के लिए घातक हैं, पीएम मोदी को तत्काल दखल देकर पटेल को हटाना चाहिए।