ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर को मिली जमानत, कोर्ट के इजाजत बिना नहीं छोड़ सकेंगी देश

वीडियोकॉन लोन केस मामले में मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने आज चंदा कोचर को 5 लाख रुपए के निजी बेल बॉन्ड पर सशर्त जमानत दी है

Publish: Feb 12, 2021, 09:33 AM IST

Photo Courtesy : Business Today
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मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप का सामना कर रही आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर को जमानत मिल गई है। चंदा कोचर को 5 लाख रुपये के बांड और बिना अनुमति विदेश यात्रा न करने और की शर्त पर जमानत दी गई है। चंदा कोचर पर वेणुगोपाल धूत को लोन देने के एवज में घूस लेने का आरोप है। 

चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश हुईं। चंदा कोचर ने विशेष जज एए नांदगांवकर के सामने अपने वकील विजय अग्रवाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने ईडी से उसकी जमानत अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। हालांकि बाद में कोर्ट ने चंदा कोचर को 5 लाख के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत पिछले साल चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले में ICICI बैंक की ओर से 1,875 करोड़ जारी करने में कथित रूप से अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 

चंदा पर आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनने के बाद उन्होंने अनियमित तरीके से वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत की कंपनियों के लिए लोन मंजूर कराए थे, इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को उनके बिजनेस में फायदा पहुंचाया था। सीबीआई ने इस आरोप पर प्रारंभिक जांच की थी कि बैंक से, अवैध तरीके से वीडियोकॉन समूह से जुड़ी कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपये के लोन दिए गए थे।

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चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा कमेटी ने पाया था कि वीडियोकोन को लोन देने के मामले में अपना हित साधने के लिए जिम्मेदारियों को निभाने के समय बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया। इस लोन का कुछ हिस्सा उनके पति दीपक के स्वामित्व वाली कंपनी एनआरपीएल को दिया गया। मामले की सुनवाई के दौरान विशेष जज नंदगांवकर ने कहा था कि शिकायतों और दर्ज बयानों को देखते हुए ऐसा जान पड़ता है कि चंदा कोचर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को कर्ज दिए।

बता दें कि 1 मई 2009 को चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ का पदभार संभाला था। साल 2011 में भारत सरकार ने उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से नवाजा था। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद कोचर ने साल 2018 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया थ।