बजरंग दल ने जलाई कामसूत्र ग्रंथ की प्रतियां, राधा-कृष्ण के अंतरंग चित्रण का आरोप, बुकस्टोर जलाने की धमकी

गुजरात के अहमदाबाद में बजरंग दल कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, दुकान में घुसकर द कामसूत्र पुस्तक की प्रतियां जलाई, अगली बार बुकस्टोर जलाने की दी धमकी, राधा-कृष्ण के आपत्तिजनक तस्वीर प्रकाशित करने का आरोप

Updated: Aug 30, 2021, 07:26 AM IST

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कामसूत्र ग्रंथ की प्रतियां जलाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां बजरंग दल कार्यकर्ता जबरन बुकस्टोर में घुसे और कामसूत्र नामक पुस्तक में आग लगा दी। इतना ही नहीं बजरंग दल वालों ने स्टोर संचालक को धमकी भी दी कि यदि भविष्य में वे कामसूत्र बेचते पाए गए तो पूरे स्टोर में आग लगा दी जाएगी। आचार्य वात्स्यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ भारत समेत दुनिया भर के लिए एक महत्वपूर्ण सेक्स गाइड है और दर्जनों भाषाओं में इस ग्रंथ का अनुवाद हो चुका है।

मामला अहमदाबाद के एसजी हाइवे पर मौजूद लेटीट्युट नाम के एक बुकस्टोर का है। बताया जा रहा है कि शनिवार रात दर्जनों बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दुकान में घुंसकर गुंडागर्दी की। उन्होंने द कामसूत्र नामक एक पुस्तक में कृष्ण और राधा प्रेम प्रसंग की तस्वीरों को आपत्तिजनक करार देते हुए दुकान के बाहर ही उसे जला दिया। साथ ही स्टोर संचालक को स्पष्ट धमकी देते हुए कहा कि अगली बार यदि पुस्तक बेचते पकड़े गए तो पूरे दुकान में इसी तरह आग लगा देंगे। मामले में स्टोर संचालक ने पुलिस से शिकायत भी नहीं कि है।

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उत्तर गुजरात बजरंग दल के अध्यक्ष ज्वालित मेहता ने कहा, ‘हमें इस बारे में शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर जब हम कार्यकर्ताओं के साथ वहां गए तो हमने देखा कि भगवान श्रीकृष्ण कृष्ण और राधा को दर्शाती कई आपत्तिजनक तस्वीरें और टिप्पणियां, उत्सव भट्टाचार्य की पुस्तक द कामसूत्र में प्रकाशित हुई थीं। उन्होंने इस इसे हिंदू देवी देवताओं का अपमान करार दिया। मेहता ने अहमदाबाद के सभी बुकस्टोर संचालकों को धमकी देते हुए कहा कि इस तरह की सामग्री रखने का अंजाम सही नहीं होगा। 

सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि पुस्तक जलाने के दौरान वे 'जय श्री राम' और 'हर-हर महादेव' के नारे लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग बजरंग दल कार्यकर्ताओं के इस कृत्य को गैरजरूरी बता रहे हैं। ट्विटर यूजर डीपी भट्ट ने इस घटनाक्रम को लेकर पूछा है कामसूत्र सदियों से भारत का गौरव रहा है। खजुराहो, कोणार्क मंदिर और अजंता-एलोरा की गुफाओं की शिल्पकला। क्या भारतीय धरोहरों को भी बर्बाद कर दिया जाएगा?

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बता दें कि आचार्य वात्स्यायन ने संस्कृत भाषा में कामसूत्र ग्रंथ की रचना की थी। माना जाता है कि पुरूषों और स्त्रियों को बनाने के बाद भगवान ने मानव जीवन के तीन सबसे जरूरी हिस्सों धर्म, अर्थ और काम पर उपदेश दिया था। वात्स्यायन ने काम के उपदेश को लिखा जिसे कामसूत्र ग्रंथ की संज्ञा दी गई। गृहस्थ जीवन के निर्वाह के लिए विश्वभर की कई भाषाओं में इस ग्रंथ का अनुवाद किया गया है। बता दें कि इसके पहले बजरंग सेना ने कामसूत्र ग्रंथ पर बैन लगाने की मांग की थी।