बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर व प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR नहीं

Delhi Riots: कोर्ट ने कहा दोनों सांसदों पर अभियोग चलाने से पहले केंद्र से अनुमति लेना था ज़रूरी

Updated: Aug 28, 2020, 06:31 AM IST

Photo Courtsey: TheIndianExpress
Photo Courtsey: TheIndianExpress

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कथित घृणा फैलाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा को बड़ी राहत दी है। अदालत ने बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) CPIM की नेता वृंदा करात की याचिका को खारिज कर दिया है। कम्युनिस्ट नेता करात ने इन दोनों बीजेपी नेताओं पर हेट स्पीच देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की थी।

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल आहूजा इस आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि सक्षम प्राधिकार, केंद्र सरकार से आवश्यक मंजूरी प्राप्त नहीं कि गई है जो कानून के तहत जरूरी है। दोनों सांसदों पर अभियोग चलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सीआरपीसी की धारा 196 के तहत इजाजत की जरूरत पड़ेगी। केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना यह शिकायत मान्य नहीं है। वृंदा करात ने अपनी शिकायत में कहा कि, 'ठाकुर और वर्मा ने लोगों को उकसाने की कोशिश की थी नतीजतन दिल्ली में दो अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों पर गोलीबारी की घटनाएं घटी।

Click: Delhi Riots चार्जशीट में योगेंद्र यादव समेत कई के नाम

क्या है पूरा मामला?

बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने 27 जनवरी को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, 'कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ वह दिल्ली में भी हो सकता है।' उन्होंने आगे कहा था कि शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग आपकी घरों में घुसकर महिलाओं के साथ बलात्कार कर सकते हैं। वहीं अनुराग ठाकुर में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक जनसभा में 'गोली मारो' वाला विवादित नारा लगवाए थे।

दोनों नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में दिल्ली चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग में शिकायत हुई थी। उस दौरान आयोग ने प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार पर दो बार में कुल 96 घण्टे के लिए बैन लगाया था। वहीं केंद्रीय मंत्री ठाकुर को बीजेपी के स्टार प्रचारकों के लिस्ट से बाहर करने का आदेश देते हुए उनके प्रचार पर भी बैन लगाया था। उसके बाद से इन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की लगातार मांगें होती रही है। इसके पहले भी वृंदा करात ने पार्लियामेंट स्ट्रीट के पुलिस कमिश्नर और एसएचओ से दोनों के खिलाफ केस करने की मांग कर चुकीं हैं। जिसका जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।