मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी, 20 अप्रैल को सूरत कोर्ट का फैसला

राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि मोदी सरनेम संबंधी टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि के मुकदमे में सुनवाई निष्पक्ष नहीं थी। इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

Updated: Apr 13, 2023, 09:04 PM IST

सूरत। मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सूरत सेशंस कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट 20 अप्रैल को अपना फैसला सुना सकता है। दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी सजा पर रोक की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका लगाई है।

राहुल गांधी के वकील आरएस चीमा ने कोर्ट में दलील दी कि मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में सुनवाई निष्पक्ष नहीं थी। उन्होंने कहा कि, 'इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। राहुल गांधी वायनाड से रिकॉर्ड मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे और दोष सिद्ध होने के बाद उनकी संसद सदस्यता का जाना बड़ी क्षति है।'

चीमा ने आगे कहा, 'राहुल गांधी का भाषण मानहानि करने वाला नहीं था, लेकिन उसे परिपेक्ष्य से अलग रखकर मानहानिकारक बनाया गया। असल में उनके खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री की बेबाकी से आलोचना की। इसलिए गलत तरीके से उनके खिलाफ ट्रायल चलाया गया।'

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चीमा ने मजिस्ट्रेट न्यायालय पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'मेरे क्लाइंट को सिर्फ आधे घंटे में दोषी ठहरा दिया गया था। इस दौरान जज ने कहा था कि आपको सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी, बड़े ढीठ हो। आप कुछ नहीं समझे।' चीमा ने कोर्ट को बताया कि चौकीदार चोर है कमेंट के लिए राहुल गांधी ने नवंबर 2019 को माफी मांगी थी लेकिन मोदी उपनाम को लेकर राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 को बयान दिया था। उन्होंने न्यायाधीश की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे ऐसी टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? चीमा ने जज के लिए कठोर शब्दों के इस्तेमाल के लिए सेशंस कोर्ट को सॉरी भी बोला और फिर कहा कि जज को गुमराह किया गया था और वह काफी कठोर भी थे।

इस केस में याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता बार-बार मानहानि वाला बयान देने के आदी हैं। पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित तोलिया ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी के माध्यम से मोदी उपनाम वाले सभी लोगों को अपमानित करने की कोशिश की थी और इसीलिए उनके मुवक्किल को बुरा लगा। बहरहाल, अब इस मामले पर 20 अप्रैल को कोर्ट फैसला सुनाएगी।