हिमंत बिस्वा सरमा की हुई ताजपोशी, असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी रहे हिमंत बिस्वा सरमा के शपथ ग्रहण में मौजूद, राज्यपाल जगदीश मुखी ने दिलाई सीएम पद की शपथ

गुवाहाटी। बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आज हिमंत बिस्वा सरमा की ताजपोशी हो गई। हिमंत बिस्वा सरमा ने आज असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के 15 वें मुख्यमंत्री हैं।
हिमंत बिस्वा सरमा को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शपथ दिलाई। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल रहे। सरमा को कल ही लंबी माथापच्ची के बाद औपचारिक तौर पर राज्य का सीएम चुन लिया गया था। विधायक दल की बैठक में खुद सर्बानंद सोनावाल ने सरमा के नाम कि सिफारिश की, जिसके बाद आम सहमति से हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री चुन लिया गया।
প্ৰতিগৰাকী অসমবাসীৰ শ্ৰীচৰণত সেৱা আগবঢ়াই আৰু প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী নৰেন্দ্ৰ মোদী ডাঙৰীয়াৰ দেশপ্ৰেমৰ পৱিত্ৰ আদৰ্শ অনুকৰণ কৰি পৱিত্ৰ অসমভূমিক সততা আৰু নিষ্ঠাৰে সেৱা কৰাৰ সংকল্পৰে ৰাজ্যখনৰ মুখ্যমন্ত্ৰীৰ দায়িত্বভাৰ গ্ৰহণ কৰিলোঁ ৷ pic.twitter.com/zZ8hnpGXrh
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 10, 2021
इससे पहले हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनावाल को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था। दोनों नेताओं ने दिल्ली पहुंच कर अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। जिसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था। हिमंत बिस्वा सरमा 2015 में बीजेपी से जुड़े थे। इससे पहले लंबे अरसे तक सरमा कांग्रेस में रहे थे।
हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए कुल 25 सालों का इंतज़ार करना पड़ा। हिमंत बिस्वा सरमा 1996 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन सफल नहीं हुए। 2001 में एक बार फिर वे जालुकबरी सीट से लड़े और लगातार चुनाव जीतते गए। इसके साथ ही सरमा का राजनीतिक कद बढ़ता गया।
2015 में जब वे कांग्रेस से अलग हो कर बीजेपी में शामिल हुए। तब भी 2016 के चुनावों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में उनका अहम योगदान माना गया था। हालांकि बीजेपी पिछले विधानसभा चुनावों में सर्बानंद सोनावाल को पहले ही सीएम पद के उम्मीदवार घोषित किए जा चुके थे। लेकिन इस मर्तबा असम में बीजेपी की सत्ता बरकरार रखने में सरमा ने सबसे अहम भूमिका निभाई। इसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने सरमा को इनाम स्वरूप सीएम पद दे दिया।