सीएम नीतीश के करीबी मंत्री रहे मेवालाल चौधरी के निधन से हड़कंप, तीन दिन पहले संक्रमित हुए थे जेडीयू विधायक

पिछले साल तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद सीएम नीतीश ने मेवालाल चौधरी को बनाया था शिक्षामंत्री, भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मीडिया में बवाल होने की वजह से पदभार ग्रहण के 24 घंटे के भीतर देना पड़ा इस्तीफा

Updated: Apr 19, 2021, 04:51 AM IST

Photo Courtesy: Hindustan Times
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पटना। बिहार के सियासी गलियारे से बड़ी खबर सामने आ ही है। जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी का निधन हो गया है। मेवालाल चौधरी तीन दिन पहले ही कोरोना संक्रमित होने के बाद राजधानी पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे। बताया जा रहा है कि चौधरी ने आज सुबह साढ़े चार बजे पारस अस्पताल में आखिरी सांसें ली। चौधरी के निधन की खबर से बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है।

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने चौधरी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है। मैं इस सूचना से स्तब्ध और मर्माहत हूं। वह एक नेक इंसान, शिक्षाविद और कुशल समाजसेवी थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोक संतप्त परिवार को दारूण दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।' जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भी शोक व्यक्त किया है।

सत्तापक्ष के साथ विपक्ष के नेताओं ने भी चौधरी के निधन पर दुख प्रकट किया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, 'बिहार के पूर्व मंत्री एवं तारापुर से जेडीयू विधायक श्री मेवालाल चौधरी का कोरोना संक्रमण से हुए असामयिक निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।'

सीएम नीतीश के बेहद करीबी थे मेवालाल

मेवालाल चौधरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। राजनीति में आने से पहले वे एक शिक्षक थे। वे भागलपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे। साल 2015 में कुलपति के पद से रिटायर होने के बाद नीतीश ने तारापुर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट देकर विधायक बनवाया था। साल 2020 में वे दुबारा विधायक चुनकर आए और नीतीश ने उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया लेकिन मंत्री बनते ही उनके खिलाफ लगे नियुक्ति घोटाला ने तूल पकड़ लिया।

कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला वैसे तो सबौर थाने में साल 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत भी ले ली थी। बावजूद मीडिया में जोर शोर से प्रचारित होने के कारण चौधरी ने अपना पदभार ग्रहण करने के 24 घंटे के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था। मेवालाल की पत्नी भी राजनीति में काफी सक्रिय थी लेकिन साल 2019 में गैस सिलिंडर में आग लगने की वजह से उनकी झुलसकर मृत्यु हो गयी थी।