केरल में फैला जीका वायरस, 13 पॉजिटिव मिलने के बाद अलर्ट पर सरकार, जानें कितना खतरनाक है वायरस

जीका वायरस फैलने की खबर से दक्षिणी राज्य केरल में हड़कंप, डेंगू जैसे होते हैं इसके लक्षण, बुखार आना, जोड़ों में दर्द और शरीर में चकते पड़ना प्रमुख लक्षण

Updated: Jul 09, 2021, 10:48 AM IST

Photo Courtesy: News18
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त्रिवेंद्रम। दक्षिण भारतीय राज्य केरल में जीका वायरस ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। राज्य में इस वायरस का कल पहला पुष्ट मामला सामने आने के बाद अबतक 13 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। कोरोना के कहर के बीच इस वायरस के फैलने की खबर से लोगों में हड़कंप मच गया है, वहीं केरल सरकार अलर्ट पर है। 

जानकारी के मुताबिक सबसे पहले केरल में 24 वर्षीय एक गर्भवती महिला इस वायरस से संक्रमित मिली थी। इसके बाद 19 अन्य लोगों का सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया। इनमें 13 केस पॉजिटिव पाए गए। फिलहाल सभी संक्रमितों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। यह वायरस कोरोना जितना खतरनाक तो नहीं है फिर भी कोविड से जूझ रहे देश में इसका फैलना चिंताजनक है।

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जीका वायरस कुछ साल पहले अफ्रीका में फैला था। इसका कोई इलाज नहीं है और न ही इसका टीका अभी तक विकसित हो पाया है। जीका वायरस के संक्रमण का असर डेंगू के बुखार, पीला ज्वर या वेस्ट नाइल वायरस के बुखार की तरह ही होता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से मच्छर काटने से फैलता है। संक्रमित होने पर जीका वायरस व्यक्ति के खून में अमूमन एक सप्ताह तक रहता है। 

इस संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के ही होते हैं। इसमें बुखार, बदन पर दाने, जोड़ों में दर्द जैसे ही लक्षण देखे जाते हैं, अधिकांश लोगों में इसके लक्षण दिखाई भी नहीं देते हैं। यह वायरस कई दशक से दुनिया में मौजूद है। सबसे पहले साल 1947 में एबयूगांडा में पाया गया था। इसके बाद साल 2015 में ही मध्य और दक्षिणी अमेरिका में बड़ी संख्या में इसका संक्रमण पाया गया था।