आज देश भर में किसानों का रेल रोको अभियान, राकेश टिकैत बोले, यह रेल खोलो आंदोलन

गुरुवार को देशभर के किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोकेंगे, ट्रेनों को बीच रास्ते में नहीं बल्कि स्टेशनों पर रोका जाएगा, इस दौरान किसान सभी यात्रियों को चाय नाश्ता भी कराएंगे

Updated: Feb 18, 2021, 03:08 AM IST

Photo Courtesy : IndiaTV
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आज देशव्यापी रेल रोको अभियान का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रेल रोको अभियान से जुड़ी सारी प्लानिंग बताई है। उन्होंने बताया है कि देशभर में किसानों के द्वारा आज दोपहर 12 से शाम 4 बजे से ट्रेनें रोकी जाएंगी। टिकैत ने इस रेल रोको अभियान को रेल खोलो आंदोलन करार दिया है।

टिकैत ने इस अभियान से जुड़े जानकारियांमीडिया से साझा करते हुए कहा, 'हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं। अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले। गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे। केंद्र सरकार ने ही सबकुछ पटरी से उतार रखा है, इसीलिए रेल चलनी चाहिए। हाईवे भी हमने बंद नहीं कर रखा है, बल्कि पूरा ट्रैफिक पुलिस ने रोक रखा है, उसे खोलकर चलवाना चाहिए हम तो सिर्फ दो लेन पर बैठे हैं।

यात्रियों को चाय नाश्ता कराएंगे किसान

दिलचस्प बात यह है कि रेल रोको अभियान के दौरान यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो यह किसान सुनिश्चित करेंगे। किसानों ने तय किया है कि किसी भी ट्रेन को बीच रास्ते में नहीं रोका जाएगा बल्कि उसे स्टेशन पर रोका जाएगा। किसान ट्रेन के इंजन पर फूल माला चढ़ाकर रेल को रोकेंगे। इतना ही नहीं किसानों द्वारा यात्रियों के लिए चाय और नाश्ते का भी प्रबंध कराया जाएगा। चाय, पानी और नाश्ता किसान अपने गांव-घर से लेकर आएंगे।

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किसानों द्वारा इस दौरान यात्रियों को देश में बढ़ रही महंगाई और किसानों की समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। किसान संगठनों ने साफ किया है कि यह अभियान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। इसका मकसद किसानों की एकजुटता का संदेश देना है। हालांकि रेलवे ने विपरीत परिस्थितियों से निपटने के किए विशेष तैयारियां की है।

रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि, 'हम जिला प्रशासन के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष भी बनाएंगे। इसके अलावा खुफिया जानकारी भी जुटाई जाएगी। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर भी हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा। हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 कंपनियों (लगभग 20,000 कर्मियों) को तैनात किया है।'