Lalitpur: यूपी में पत्रकार पर हमला, बीजेपी नेता के बेटे पर हाथ पैर तोड़ने का आरोप, सीएम योगी की चुप्पी से उठे सवाल
ललितपुर में पत्रकार विनय तिवारी को बीजेपी नेता के बेटों ने बेरहमी से की पिटाई, गंभीर अवस्था मे तिवारी को अस्पताल में कराया गया भर्ती, योगी राज में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल

ललितपुर। उत्तरप्रदेश के ललितपुर में एक स्थानीय पत्रकार के साथ बेरहमी से मारपीट की घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी नेता के पुत्रों ने पत्रकार विनय तिवारी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि तिवारी के हाथ-पैर टूट गए हैं और कई अन्य जगहों पर गंभीर चोटें भी आई हैं।
जानकारी के मुताबिक जाखलौन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत धौर्या के निवासी विनय तिवारी ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं पर रिपोर्टिंग करते हैं। वह 'सत्ता सरकार' नामक स्थानीय अखबार से जुड़े हुए हैं। तिवारी को जानकारी मिली थी कि उनके ही पंचायत के ग्राम प्रधान मनरेगा के तहत होने वाले विकास कार्यो में मजदूरों की बजाय जेसीबी से काम करवा रहे हैं। इसके बाद वह मामले की कवरेज करने घटनास्थल पर पहुंचे।
तिवारी द्वारा घटना की कवरेज और सच्चाई की पड़ताल करने की जानकारी जब ग्राम प्रधान को मिली तो वह अपने बेटे के साथ कुछ बदमाशों को भेज दिया। उन्होंने घटनास्थल से लौट रहे तिवारी को रास्ते में रोककर बेरहमी से पिटाई कर दी जिसमें उनके हाथ पैर टूट गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी ग्राम प्रधान बीजेपी से जुड़ा हुआ है और ललितपुर में उसका काफी दबदबा है।
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योगी राज में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल
ललितपुर की इस घटना के बाद योगी राज में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। पत्रकारों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह ने मामले पर कहा है कि, 'इस पत्रकार का जीवन वास्तव में खतरे में है। क्या दिल्ली मीडिया और एडिटर्स गिल्ड में इस बात पर चर्चा होगी? या भारत के छोटे शहरों के पत्रकार एकजुटता और नाराजगी दिखाने के लायक नहीं हैं?'
This is a journalist whose life is truly under threat. Will Delhi media and the Editors’ Guild speak up or are reporters in small towns of India not fancy enough to deserve solidarity and outrage? https://t.co/aHokR44NDj
— Rohini Singh (@rohini_sgh) November 8, 2020
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'ये है भाजपाईयों का दोहरा चरित्र एक पत्रकार की गिरफ़्तारी पर दिन-रात रो रहे हैं और आदित्यनाथ के राज में पत्रकार विनय तिवारी को BJP नेता के बेटों ने पीट -पीटकर अधमरा कर दिया।'
गौरतलब है कि आज से ठीक चार दिन पहले रिपब्लिक टीवी चैनल के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुंबई द्वारा गिरफ्तारी के बाद कई लोगों ने रोष व्यक्त किया था। मामले को उत्तरप्रदेश के सीएम ने तो इमरजेंसी से जोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'वरिष्ठ पत्रकार श्री अर्नब गोस्वामी जी की गिरफ्तारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है।'
कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 4, 2020
सीएम ने आगे कहा कि, 'देश में इमरजेंसी थोपने व सच्चाई का सामना करने से हमेशा मुंह छुपाने वाली कांग्रेस पुनः प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है।' वहीं उत्तरप्रदेश में बीजेपी नेता के लोगों द्वारा पत्रकार से बर्बरता के मामले में सीएम योगी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या अब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरे में नहीं है?