बिना राज्य सरकार की इजाज़त के महाराष्ट्र में सीबीआई नहीं कर सकेगी जांच

महाराष्ट्र में अब किसी भी जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से लेनी होगी अनुमति, उद्धव ठाकरे सरकार ने सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले ली है

Updated: Oct 22, 2020, 07:34 PM IST

Photo Courtesy: news nation
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मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। अब महाराष्ट्र में हर मामले की जांच से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी को राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। बिना पूर्व इजाजत के जांच एजेंसी महाराष्ट्र में किसी तरह की जांच पड़ताल नहीं कर सकती है। उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले के बाद अब केंद्र और राज्य के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी से राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश बुधवार को जारी किया है। इसके बाद सीबीआई को अब राज्य में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो महाराष्ट्र सरकार द्वारा 22 फरवरी 1989 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी। लिहाजा अब उसे किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।

महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिरफारिश के आधार पर टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में कथित तौर पर हेरफेर किए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार नहीं चाहती थी कि टीआरपी मामले की जांच सीबीआई करे। वहीं उत्तरप्रदेश द्वारा टीआरपी धोखाधड़ी के मामले को सीबीआई को सौंपने के बाद यह कहा जा रहा था कि एजेंसी महाराष्ट्र में भी जांच करेगी। इसलिए उद्धव सरकार का यब निर्णय टीआरपी हेरफेर मामले में जांच के बीच सीबीआई के दखल के रूप में देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार ने आपत्ति जताई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था और शीर्ष अदालत ने जांच सीबीआई को सौंप दिया।