पीएम मोदी के सरकारी कार्यक्रम में नहीं आएंगी ममता बनर्जी, पिछली बार लगाया था अपमान का आरोप

पीएम मोदी के सरकारी कार्यक्रमों में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हूटिंग कोई नई बात नहीं है, 2014 में मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी ऐसी कई घटनाएँ विवाद की वजह बन चुकी हैं

Updated: Feb 07, 2021, 06:42 AM IST

Photo Courtesy: The Economic Times
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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में कड़वाहट बढ़ती जा रही है। आज प्रधानमंत्री बंगाल के हल्दिया जा रहे हैं, जहां उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना है। तय प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी कार्यक्रम का न्योता भेजा गया है। लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यालय ने साफ कर दिया है कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी।

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी को आज हल्दिया में BPCL द्वारा निर्मित एलपीजी इंपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन करना है। वैसे तो यह एक सरकारी कार्यक्रम है, कोई राजनीतिक रैली नहीं। आमतौर पर प्रधानमंत्री अगर किसी राज्य के सरकारी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो राज्य के मुख्यमंत्री भी वहां अवश्य मौजूद रहते हैं। लेकिन पिछले महीने पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री के एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने मोदी समर्थकों पर अपना अपमान करने का आरोप लगाया था।

दरअसल वो वाकया नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुआ था। मंच पर मोदी और पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। ममता जैसे ही मंच पर मौजूद माइक की तरफ बढ़ीं, मोदी समर्थकों ने मोदी-मोदी और जय श्री राम के नारे लगाकर उनकी हूटिंग शुरू कर दी। इससे नाराज़ ममता ने मंच से अपनी आपत्ति जताई और भाषण दिए बिना ही चली आईं। लगता है ममता बनर्जी उस घटना को भूली नहीं हैं और इसीलिए इस बार प्रधानमंत्री के सरकारी कार्यक्रम से दूर ही रहना चाहती हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हूटिंग का मसला कोई नया नहीं है। मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में ही इस मसले ने काफी तूल पकड़ लिया था। उस दौरान कई राज्यों में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को नए-नए प्रधानमंत्री बने मोदी के सरकारी कार्यक्रमों में हूट किया जाता था। तब भी कई मुख्यमंत्रियों ने बाकायदा ये एलान कर दिया था कि वे प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे। खास बात यह भी है कि मोदी ने अपनी मौजूदगी में की जाने वाली इस अभद्रता पर कभी सामने आकर रोक लगाने की कोशिश भी नहीं की।