मनीष कश्यप मामले में SC का केंद्र, तमिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस, सिब्बल से पूछा आप तो पीड़ित पक्ष की वकालत करते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों सरकारों से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है जबकि इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को मुकर्रर की है

Updated: Apr 11, 2023, 02:07 PM IST

नई दिल्ली। फेक न्यूज़ फैलाने के मामले में तमिलनाडु में कैद यूट्यूबर मनीष कश्यप की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र, तमिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने तीनों सरकारों से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। 

मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के सामने मनीष कश्यप की जमानत याचिका के साथ साथ उसके खिलाफ चल रहे तमाम मुकदमों को एक जगह क्लब करने की मांग की गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए इस मामले की अगली तारीख 21 अप्रैल मुकर्रर कर दी। 

सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से भी एक दिलचस्प सवाल किया। कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि आप तो हमेशा पीड़ित पक्ष की वकालत करते हैं? इस पर सिब्बल ने कहा कि मैं फेक न्यूज़ के खिलाफ हूं। कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु की सरकार की पैरवी कर रहे थे। 

मनीष कश्यप फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में इस समय तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में है। उस पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित हिंसा के संबंध में फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप है। पिछले महीने ही बिहार पुलिस ने उसे बिहार के पश्चिमी चंपारण के बेतिया शहर के जगदीशपुर थाने से गिरफ्तार किया था। मनीष कश्यप के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई के बाद उसने खुद थाने में जाकर सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद पुलिस उसे हिरासत में लेकर पटना ले गई।

इसके कुछ ही दिनों बाद तमिलनाडु की पुलिस बिहार आई और उसे अपने साथ ले गई। हाल ही में उसके खिलाफ NSA के तरह भी मुकदमा दर्ज किया गया है।