प्रवासी मजदूर जहां है वहीं रहेंगे, कोई छूट नहीं

गृह मंत्रालय ने राज्‍यों में फंसे हुए मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मजदूर वर्तमान में जहां रह रहे हैं वहीं रहेंगे। केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी।

Publish: Apr 20, 2020, 05:49 AM IST

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर उप्र के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतिश कुमार के बीच जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच गृह मंत्रालय ने एक बार फिर प्रवासी मजदूरों को सख्ती से हिदायत दी है कि वे अपने गृह राज्यों की तरफ जाने से परहेज करें। मंत्रालय की ओर से प्रवासी मजदूरों की राज्य के भीतर ही आवाजाही के लिए एडवायजरी जारी की गई है। जिसके बारे में राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है।

गौरतलब है कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद व अन्य महानगरों में हजारों की संख्या में फंसे मजदूर लगातार अपने अपने राज्यों में पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। प्रवासी मजदूर सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचने की जद्दोजहद करते देखे गए। इस बारे में कुछ राज्य सरकारों ने संवेदनशील रवैया अपनाया है। महाराष्ट्र की सरकार ने मजदूरों को भरोसा दिलाया है कि वे लॉकडाउन तक धैर्य बनाए रखें। लॉकडाउन की स्थिति खत्म होते ही राज्य सरकार के सहयोग से मजदूरों को घर पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाएगी।

इस बीच दिल्ली व अन्य राज्य सरकारों ने मजदूरों के रहने व खाने की दिक्कतों को दूर करने की बात कही है। साथ ही उन मजदूरों को काम में सहूलियत देने की बात कही गई है, जिन्हें गाइडलाइन के तहत काम करने की इजाजत दी गई है। हालांकि इस दौरान सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करना होगा।

प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के प्रस्ताव का बिहार सरकार ने सख्ती से विरोध किया है। सबसे अधिक प्रवासी मजदूर बिहार से ही आते हैं। स्थानीय स्तर पर भी गैर सामाजिक संस्थाओं की तरफ से भी मजदूरों को मदद मुहैया कराई जा रही है। दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा कि वर्तमान हालात चिंताजनक है लिहाजा किसी तरह की ढील देना मुमकिन नहीं है। सीएम ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना तेजी से फैल रहा है लेकिन हालात शासन के नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में किसी तरह की छूट देने से केजरीवाल ने साफ इनकार किया।